नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस चीफ के पद से वापस लिया इस्तीफा

नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस चीफ के पद से वापस लिया इस्तीफा
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नवजोत सिंह सिद्धू ने साफ किया है उनका इस्तीफा व्यक्तिगत अहंकार का मामला नहीं था, बल्कि हर पंजाबी का हित था। 

पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ (Chandigarh) में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने कहा कि पंजाब कांग्रेस चीफ (Punjab Congress Chief) के पद से मैंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि नए अटॉर्नी जनरल की नियुक्ति के बाद मैं पदभार ग्रहण करूंगा। नवजोत सिंह सिद्धू ने साफ किया है उनका इस्तीफा व्यक्तिगत अहंकार का मामला नहीं था, बल्कि हर पंजाबी का हित था।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि मैं उनसे (सीएम) लंबे समय से मिल रहा हूं। मैं उनसे पिछले 1 महीने से बात कर रहा हूं। पहली बैठक पंजाब भवन में थी, उस समय बात यह थी कि पैनल (डीजीपी पर) आएगा और एक हफ्ते में चीजें तय हो जाएंगी। 90 दिन की सरकार है, 50 दिन हो गए।

व्यक्तिगत कुछ भी नहीं है। मैं उनसे राज्य के लिए बात करता हूं। राज्य के लिए जो भी अच्छा किया जा सकता है, उसके लिए मैं उनसे बात करता हूं। मेरा चरणजीत चन्नी से कोई मतभेद नहीं है, बिल्कुल भी नहीं। मैं जो कुछ भी करता हूं पंजाब के लिए करता हूं। मैं पंजाब के लिए खड़ा हूं। पंजाब मेरी आत्मा है। यही लक्ष्य है।

पिछले 4.5 वर्षों के दौरान, मैंने शराब, बस आदि जैसे कई मुद्दों को उठाया है। सीएम के पास केंद्रीकृत शक्ति थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। मुझे किसी पद का लालच नहीं है लेकिन मैं केवल पंजाब के लोगों के अधिकारों के लिए लड़ता हूं। 2022 के चुनाव में कांग्रेस को 80-100 सीटें दिलाऊंगा।

बता दें कि 19 जुलाई को पीपीसीसी प्रमुख नियुक्त किए गए सिद्धू ने चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली नई सरकार में मंत्रियों को विभागों के आवंटन के कुछ मिनट बाद इस्तीफा दे दिया था। चरणजीत सिंह चन्नी अमरिंदर सिंह के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री बने हैं।

एआईसीसी प्रमुख सोनिया गांधी को लिखे अपने इस्तीफे पत्र में नवजोस सिंह सिद्धू ने लिखा था कि मनुष्य के चरित्र का पतन समझौता के कोने से होता है। मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे से कभी समझौता नहीं कर सकता। इसलिए मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं। लेकिन कांग्रेस की सेवा करता रहूंगा।

सिद्धू के इस्तीफे के पीछे एक कारण यह भी था कि कांग्रेस सरकार वरिष्ठ अधिवक्ता एपीएस देओल को अपना महाधिवक्ता नियुक्त कर रही थी। इसके चलते सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई, क्योंकि देओल हाल तक प्रदर्शनकारियों पर बेअदबी और पुलिस फायरिंग की घटनाओं के दौरान पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी, पुलिस प्रमुख के वकील थे। देओल ने पंजाब पुलिस द्वारा दायर चार मामलों में उन्हें साधारण जमानत दिलाने में सफलता हासिल की थी।

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