NCERT का बड़ा फैसला, 12वीं की किताब से हटेगा खालिस्तान की मांग का जिक्र

NCERT का बड़ा फैसला, 12वीं की किताब से हटेगा खालिस्तान की मांग का जिक्र
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एनसीईआरटी (NCERT) ने एक बड़ा फैसला लिया है। एनसीईआरटी ने 12वीं की NCERT किताब से खालिस्तान (Khalistan) की मांग करने का जिक्र को हटाने का फैसला किया है।

एनसीईआरटी (NCERT) ने एक बड़ा फैसला लिया है। एनसीईआरटी ने 12वीं की NCERT किताब से खालिस्तान (Khalistan) की मांग करने का जिक्र करने वाले अध्याय को हटाने का फैसला किया है। बता दें कि वर्तमान में NCERT की किताब में खालिस्तान की मांग के संबंध में कई अध्याय हैं, जिसे अब दिया जाएगा। NCERT ने यह फैसला SGPC की मांग के बाद लिया है। सोचने वाली बात है कि यह फैसला ऐसे वक्त में लिया गया है, जब पिछले कुछ महीनों से खालिस्तान की मांग को हवा दिया जा रहा है। पंजाब और हरियाणा में खालिस्तान की मांग करने वाले लोगों की संख्या लाखों में है।

NCERT की किताब से हटाए थे मुगलों का इतिहास

बता दें कि हाल ही में NCERT ने मुगलों के इतिहास को लेकर भी बड़ा फैसला लिया था। इसके तहत छात्रों को अब मुगलों का इतिहास नहीं पढ़ाया जाएगा, NCERT की किताब से मुगलों का इतिहास हटा दिया जाएगा। यह बदलाव NCERT ने सत्र 2023-24 के लिए 12वीं के पाठ्यक्रम में किया है। NCERT ने इंटरमीडिएट में चलने वाली इतिहास की किताब के कुछ चैप्टर को हटा दिया था। इसमें शासक और इतिवृत्त मुगल दरबार को हटाया गया था।

हटाए गए थे ये अध्याय

इसके अलावा बोर्ड ने 11वीं की इतिहास की किताब से भी इस्लाम का उदय, संस्कृतियों में टकराव, औद्योगिक क्रांति और समय की शुरुआत पाठ को हटा दिया है। वहीं, नागरिक शास्त्र की किताब से अमेरिकी वर्चस्व और शीत युद्ध का पाठ हटा दिया था। इसके अलावा, बोर्ड ने राजनीति की किताब में भी बदलाव किया है। राजनीति की किताब से एक दल के प्रभुत्व का दौर और जन आंदोलनों का उदय का पाठ हटा दिया था। 10वीं कक्षा की लोकतांत्रिक राजनीति 2 की किताब से लोकतंत्र और विविधता, जनसंघर्ष और आंदोलन, लोकतंत्र की चुनौतियां पाठ को हटाए गए थे।

नए पाठ्यक्रम के अनुसार किताबें बाजार में भी उपलब्ध

पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने कहा था कि एनसीईआरटी ने अगले सत्र में बड़ा बदलाव किया है। उन्होंने कहा कि विषयवार पुनर्संयोजित पाठ्यवस्तु की लिंक बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए हैं। नए पाठ्यक्रम के अनुसार किताबें बाजार में भी उपलब्ध हैं।

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