Haribhoomi Explainer: आज ही निर्विरोध राष्ट्रपति चुने गए थे नीलम संजीव रेड्डी, पढ़िए उनकी राजनीतिक यात्रा की कहानी

Haribhoomi Explainer: आंध्रप्रदेश (Andhra Pradesh) के पहले मुख्यमंत्री (Chief Minister) नीलम संजीव रेड्डी (Neelam Sanjiv Reddy) आज ही के दिन साल 1977 में देश के छठे राष्ट्रपति (6th President) के रूप में चुने गए थे, जो 1977 से लेकर 1982 तक भारत के छठे राष्ट्रपति के रूप में इस पद पर रहे। वह सबसे कम उम्र में राष्ट्रपति बने थे। उनके साथ कई अन्य उपलब्धियां भी जुड़ी हुई हैं। आइए आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर के माध्यम से हम आपको देश के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी के बारे में विस्तार से बताते हैं।
पहले गैर कांग्रेसी राष्ट्रपति
तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद (Fakhruddin Ali Ahmed) की 11 फरवरी, 1977 को अचानक मृत्यु होने के बाद संविधान के अनुच्छेद 65(1) के तहत तत्कालीन उपराष्ट्रपति (Vice President) बीडी जत्ती ने कार्यकारी राष्ट्रपति का कार्यभार ग्रहण किया। संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति का पद खाली होने की तिथि से छह महीने के अंदर नए राष्ट्रपति को शपथ ग्रहण करना होता है। हालांकि, राष्ट्रपति की मृत्यु के एक दिन पहले ही लोकसभा चुनाव का आगाज होकर 13 मई तक चला था। इसलिए राष्ट्रपति चुनाव तुरंत नहीं हो सका। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के बाद जून-जुलाई में 11 राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव हुए। इन सबके संपन्न होने के बाद 4 जुलाई, 1977 को राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकी और 6 अगस्त को मतदान हुआ। यूं तो 37 उम्मीदवारों ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन का पर्चा भरा, लेकिन अन्य सभी उम्मीदवारों के पर्चे शर्तों पर खरे नहीं उतर सके, इसलिए उनके पर्चे खारिज कर दिए गए और इस प्रकार नीलम संजीव रेड्डी भारत के पहले राष्ट्रपति बने। रेड्डी जब राष्ट्रपति बने तब उनकी उम्र 64 वर्ष की थी। इस तरह उन्होंने देश के सबसे कम उम्र में राष्ट्रपति बने।
रेड्डी के नाम कई दूसरे रिकॉर्ड
रेड्डी पहले ऐसे राष्ट्रपति थे, जो लोकसभा अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री भी रह चुके थे। 19 मई, 1913 को आंध्र प्रदेश में अनंतपुरम जिले के इल्लुर गांव में पैदा हुए। नीलम संजीव रेड्डी की जिंदगी तब बदलाव आया जब जुलाई 1929 में उनके इलाके में महात्मा गांधी का आगमन हुआ था। गांधीजी से प्रेरित होकर उन्होंने पश्चिमी वस्त्रों का त्याग करते हुए खादी अपना लिया और स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े। रेड्डी ने मद्रास एक अडयार स्थित थियोसॉफिकल हाई स्कूल से पढ़ाई की और वहां पास होकर अनंतपुर के गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज में दाखिला लिया। 1958 में तिरुपति की वेंकटेश्वर यूनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्टर ऑफ लॉज की मानद डिग्री दी।
सक्रिय राजनीति से दो बार संन्यास
रेड्डी तीन बार राज्यसभा सांसद चुने गए और लाल बहादुर शास्त्री सरकार में मंत्री भी बनाए गए। उन्हें इंदिरा गांधी ने अपनी सरकार में परिवहन, नागरिक उड्डयन और पर्यटन मंत्री बनाया। रेड्डी जनवरी 1966 से मार्च 1967 तक यह मंत्रालय संभालते रहे। 1969 में जब इंदिरा गांधी ने राष्ट्रपति चुनाव में उनका विरोध कर दिया, तो इतने दुखी हो गए कि सक्रिय राजनीति से ही संन्यास ले लिया। रेड्डी दिल्ली छोड़कर अनंतपुर जाकर खेती-बाड़ी में जुट गए। 1975 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा कर दी। जिसके विरोध में कई दलों ने मिलकर एक नए दल जनता पार्टी का गठन किया। तब जनता पार्टी के निवेदन पर रेड्डी ने राजनीति संन्यास तोड़ दिया और जनता पार्टी जॉइन कर ली। उन्होंने 1977 में राष्ट्रपति चुनाव लड़ा। उनकी की मुख्य प्रतिस्पर्धी रुक्मिणी देवी अरंदले थीं, लेकिन रुक्मिणी देवी समेत अन्य सभी उम्मीदवारों का नामांकन खारिज हो जाने के कारण रेड्डी निर्विरोध राष्ट्रपति चुने गए। हालांकि, नीलम संजीव रेड्डी 1969 के राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में मैदान में थे, लेकिन इंदिरा गांधी ने उनके विरोध में थी, जिसके कारण वे वीवी गिरी से चुनाव हार गए थे। तब रेड्डी को 3.13 लाख वोट मिले थे, जबकि 4.01 लाख वोट लेकर वीवी गिरी राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे।
राष्ट्रपति पद पर रहकर ली सिर्फ 30% सैलरी
रेड्डी ने अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान तीन प्रधानमंत्रियों को शपथ दिलाई और उनके साथ काम किया। इनमें जनता पार्टी के मोरारजी देसाई और चौधरी चरण सिंह, जबकि कांग्रेस की इंदिरा गांधी शामिल है। रेड्डी ने बतौर राष्ट्रपति 70 प्रतिशत कम सैलरी ली, ताकि उनके वेतन के इस हिस्से से कुछ गरीबों का कल्याण हो सके, जबकि 4.01 लाख वोट लेकर वीवी गिरी राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे। 1982 में जब राष्ट्रपति के रूप में उनका कार्यकाल खत्म हुआ, तो उन्होंने फिर से सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया और अनंतपुर चले गए। इसके बाद साल 1996 में निमोनिया बीमारी के कारण नीलम संजीव रेड्डी का निधन 83 वर्ष की उम्र में हो गया।
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