नीट और जेईई एग्जाम आयोजित कराने के खिलाफ दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज, कोर्ट का बड़ा आदेश

सुप्रीम कोर्ट में आज सोमवार को नेट और जेईई एग्जाम के आयोजन के खिलाफ दायर की गई याचिका पर फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि हम बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं कर सकते हैं। ऐसे में परीक्षा आयोजन सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा की पीठ ने नीट और जेईई एग्जाम को स्थगित करने वाली याचिका को सिरे से खारिज कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) मेन और नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) को स्थगित करने की याचिका खारिज कर दी। देशभर के 11 राज्यों के 11 छात्रों की ओर से वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने याचिका दायर की थी। जिन्होंने कोविड -19 महामारी के बीच राहत की मांग करते हुए कोर्ट का रुख किया था।
पीठ का कहना है कि इसने सॉलिसिटर जनरल को पेश करने का रिकॉर्ड रखा है कि परीक्षा पर्याप्त सावधानी के साथ आयोजित की जाएगी। कहते हैं, नीतिगत निर्णय में हस्तक्षेप करने के लिए कोई आधार नहीं है। दलील को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने याचिका खारिज की। कहते हैं कि NEET / JEE का स्थगन 'छात्रों के करियर को संकट में डाल देगा'। वकील अलख कहते हैं कि कोविड-19 के लिए जल्द ही वैक्सीन आने की संभावना है। यहां तक कि प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त के अपने भाषण में इसके बारे में कहा। परीक्षा के अनिश्चितकालीन स्थगन की मांग नहीं कर रहा है, लेकिन कुछ समय के लिए स्थगन, वह प्रस्तुत करता है।
इंजीनियरिंग प्रवेश 1 सितंबर से 6 सितंबर तक होने वाला है। जबकि मेडिकल प्रवेश 13 सितंबर के लिए निर्धारित है। सुनवाई से पहले अधिवक्ता श्रीवास्तव ने जेईई और नीट उम्मीदवारों के लिए न्याय पाने के लिए विश्वास को बढ़ा दिया। इंडिया वाइड पेरेंट्स एसोसिएशन की प्रमुख अनुभा श्रीवास्तव सहाय भी आलोचनात्मक सुनवाई से पहले आशावादी दिखाई दीं। हमें पूरा विश्वास है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय लाखों छात्रों को न्याय देगा और सरकार उनका समर्थन करेगी।
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