चीन की चाल समझ गया नेपाल, नए नक्शे को संसद से पारित किए जाने का प्रस्ताव लिया वापस

नक्शा विवाद पर नेपाल सरकार ने अपने कदम पीछे ले लिए हैं। नए नक्शे को संसद से पारित किए जाने का प्रस्ताव अब वापस ले लिया गया है। बीते दिनों नेपाल संसद में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने नया नक्शा संसद में जारी किया था। जिसे वापस ले लिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत के राजनीतिक और कूटनीतिक दबाव के बीच नेपाल सरकार ने अपना यह फैसला वापस लिया है। वहीं कहा जा रहा है कि नेपाल चीन की चाल को समझ गया है। जिसके बाद उसने नए नक्शे को संसद से पारित किए जाने के प्रस्ताव को वापस लिया है।
जानकारी के लिए बता दें कि नेपाल ने बीते दिनों भारत के कुछ हिस्सों को लेकर अपना एक नया नक्शा पास किया था। जिसको लेकर भारत पहले ही उन इलाकों को अपना कह चुका है और साथ ही अपना नक्शे में उन्हें जोड़ रखा है।
नेपाल की तरफ से जारी किए गए नए नक्शे को देश के संविधान में जोड़ने के लिए आज संसद में संविधान संशोधन का प्रस्ताव रखा जाना था। लेकिन नेपाल सरकार ने संसद की कार्यसूची से संविधान संशोधन की कार्रवाई को हटा दिया।
बता दें कि बीते दिनों नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने संसद में सर द लिए बैठक बुलाई थी। जिसमें उन्होंने नए नक्शे वाले मुद्दे पर राष्ट्रीय सहमति बनाते हुए इसे संसद में पेश किया। लेकिन उससे पहले सर्वदलीय बैठक में नेताओं ने भारत के साथ बातचीत पर किसी भी मसले को सुलझाने का सुझाव दिया था। नेपाल ने नए नक्शे को संसद में पेश नहीं कर कूटनीतिक रूप से परिपक्वता का उदाहरण दिया।
अभी हाल ही में भारत नेपाल नक्शा विवाद को लेकर भारत के सेना प्रमुख और नेपाल के रक्षा मंत्री ने दो टूक बयान दिए थे। इसमें भारतीय सेना प्रमुख नरवणे ने कहा था कि नेपाल ने यह नक्शा किसी के कहने पर जारी किया है। जिसके बाद नेपाल के रक्षा मंत्री ने बयान देते हुए कहा कि हम किसी भी तरह का जवाब देने के लिए तैयार है।
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