NHRC के 26वें स्थापना दिवस पर अमित शाह बोले: गांधी जी के सिद्धांत शाश्वत और अटल हैं...

राजधानी दिल्ली में 26 वें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के स्थापना दिवस समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि आतंकवाद और नक्सलवाद के शिकार लोगों की तुलना में मानवाधिकारों का बड़ा उल्लंघन नहीं हुआ है।
Union Home Minister Amit Shah at 26th National Human Rights Commission (NHRC) foundation day celebration in New Delhi: There has not been a bigger violation of human rights than against those who are victims of terrorism & naxalism. pic.twitter.com/onRJLooHtV
— ANI (@ANI) October 12, 2019
उन्होंने कहा कि गत वर्ष भारत के मानवाधिकार आयोग ने अपनी सिल्वर जुबली मनाई है। मानवाधिकार आयोग ने अपने इन 26 साल में भारत के जनमानस में मानव अधिकार के प्रति जागरुकता जगाने के ढेर सारे प्रयास किए हैं।
वसुधैव कुटुंबकम के अंदर समाहित है मानवाधिकार का दायित्व
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति, हमारा देश, हमारा समाज वर्षों से संकुचित सोच से ऊपर वसुधैव कुटुंबकम की भावना से सोचने वाला देश है। जब आप पूरे विश्व को अपना परिवार समझते हो तो वसुधैव कुटुंबकम के अंदर ही मानवाधिकार का दायित्व समाहित दिखाई पड़ता है।
उन्होंने आगे कहा कि जहां तक बच्चों, महिलाओं के मानवाधिकार का सवाल है, हमारे देश और समाज में मानवाधिकार से संबंधित व्यवस्थाएं पहले से इनबिल्ट हैं। हमारी परिवार व्यवस्था के अंदर ही महिलाओं और बच्चों के अधिकार की बहुत सारी चीजें बिना कानून के सुरक्षित हैं।
शाश्वत और अटल हैं गांधीजी के सिद्धांत
शाह ने कहा कि गांधी जी के 150 साल हम मनाने जा रहे हैं। पूरा विश्व गांधी जी के सिद्धांतों के आधार पर आगे बढ़ने के लिए गांधी का 150वां वर्ष उपयोग करने जा रहा है। हम सब चाहते हैं कि गांधी जी के सिद्धांत रिलिवेंट होकर सामने रखे जाएं क्योंकि गांधीजी के सिद्धांत शाश्वत हैं, अटल हैं।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी जी ने एक भजन को सबके सामने रखा था- वैष्णव जन तो तेने कहिए...इस भजन के एक-एक वाक्य का भावार्थ हम लोगों के सामने रखेंगे तो इससे बड़ा मानवाधिकार के लिए कोई चार्टर हो ही नहीं सकता।
हमारी सरकार ने लड़ी मानवाधिकार की लड़ाई
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने एक अलग प्रकार से मानवाधिकार के लिए लड़ाई लड़ी है और सफलता भी प्राप्त की है। हम सबका साथ सबका विकास का कंसेप्ट लेकर चलते हैं।
उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल तक देश में 5 करोड़ लोगों के पास घर नहीं था, 3.5 करोड़ लोगों के घर में बिजली नहीं थी, 50 करोड़ लोगों के पास स्वास्थ्य सुरक्षा नहीं थी, महिलाओं को शौचालय उपलब्ध नहीं थे, क्या ये इन लोगों के मानवाधिकार का हनन नहीं है?
उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद और नक्सलवाद से बड़ा कोई मानवाधिकार के हनन का कारक नहीं हो सकता। कश्मीर में करीब 40,000 से ज्यादा लोग आतंकवाद की भेंट चढ़ गए, क्या उनके परिवारों का मानवाधिकार कुछ नहीं है?
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS