NHRC Foundation Day: पीएम मोदी बोले- मानवाधिकार के नाम पर देश की छवि बिगाड़ने की कोशिश

NHRC Foundation Day: पीएम मोदी बोले- मानवाधिकार के नाम पर देश की छवि बिगाड़ने की कोशिश
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  • NHRC Foundation Day: एक राष्ट्र के रूप में, एक समाज के रूप में अन्याय-अत्याचार का प्रतिरोध किया। पीएम मोदी ने कहा कि जो गरीब कभी शौच के लिए खुले में जाने को मज़बूर था, उब गरीब को जब शौचालय मिलता है, तो उसे प्रतिष्ठा भी मिलती है। जो गरीब कभी बैंक के भीतर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था उस गरीब का जब जनधन अकाउंट खुलता है, तो उसमें हौसला आता है, उसकी प्रतिष्ठा बढ़ती है।

NHRC Foundation Day देशभर में मंगलवार को 28वां राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग स्थापना दिवस (National Human Rights Commission Foundation Day) मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Modi) ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मंत्रियों, अधिकारियों और लोगों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि एक ऐसे समय में जब पूरी दुनिया विश्व युद्ध की हिंसा में झुलस रही थी, भारत ने पूरे विश्व को 'अधिकार और अहिंसा' का मार्ग सुझाया। हमारे बापू को देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व मानवाधिकारों और मानवीय मूल्यों के प्रतीक के रूप में देखता है। मोदी ने कहा कि हम देखते हैं कि ऐसे ही सेलेक्टिव व्यवहार करते हुए कुछ लोग मानव अधिकारों के हनन के नाम पर देश की छवि को भी नुकसान पहुंचाने का प्रयास करते हैं। ऐसे लोगों से देश को सतर्क रहना है।

दुनिया भटकी पर भारत ने हमेशा मानवाधिकारों को सर्वोपरि रखा

उन्होंने कहा कि कई मौके आए जब दुनिया भटकी पर भारत ने हमेशा मानवाधिकारों को सर्वोपरि रखा। उन्होंने कहा कि ये हम सभी का सौभाग्य है कि आज अमृत महोत्सव के जरिए हम महात्मा गांधी के उन मूल्यों और आदर्शों को जीने का संकल्प ले रहे हैं। मुझे संतोष है कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग भारत के इन नैतिक संकल्पों को ताकत दे रहा है, अपना सहयोग कर रहा है। भारत के लिए मानवाधिकारों की प्रेरणा का, मानवाधिकार के मूल्यों का बहुत बड़ा स्रोत आज़ादी के लिए हमारा आंदोलन, हमारा इतिहास है। हमने सदियों तक अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया।

ट्रिपल तलाक के खिलाफ क़ानून बनाकर, मुस्लिम महिलाओं को नया अधिकार दिया

एक राष्ट्र के रूप में, एक समाज के रूप में अन्याय-अत्याचार का प्रतिरोध किया। पीएम मोदी ने कहा कि जो गरीब कभी शौच के लिए खुले में जाने को मज़बूर था, उब गरीब को जब शौचालय मिलता है, तो उसे प्रतिष्ठा भी मिलती है। जो गरीब कभी बैंक के भीतर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था उस गरीब का जब जनधन अकाउंट खुलता है, तो उसमें हौसला आता है, उसकी प्रतिष्ठा बढ़ती है। दशकों से मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के खिलाफ क़ानून की मांग कर रही थीं। हमने ट्रिपल तलाक के खिलाफ क़ानून बनाकर, मुस्लिम महिलाओं को नया अधिकार दिया है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दी जानकारी

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के 28वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने 28 साल में 20 लाख से ज्यादा मामलों का निस्तारण किया है और 205 करोड़ से ज्यादा का मुआवजा जिनके साथ अन्याय हुआ था उन्हें दिलाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में ऐसे क्षेत्र पर उनका ध्यान गया जो मानव अधिकार की बात करने वाले सभी के ध्यान से बाहर था, देश के 60 करोड़ गरीब। उन्हें भी समानता का अधिकार है, आज़ादी तभी सही मायनों में मानी जाएगी जब ये 60 करोड़ गरीब अपनी बुनियादी सुविधा प्राप्त कर लेंगे।

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