खूंखार आतंकियों हाफिज सईद और यासीन मलिक पर गिरी NIA की गाज, कोर्ट ने UAPA के तहत केस दर्ज करने का दिया आदेश

खूंखार आतंकियों हाफिज सईद और यासीन मलिक पर गिरी NIA की गाज, कोर्ट ने UAPA के तहत केस दर्ज करने का दिया आदेश
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की अदालत ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक हाफिज सईद (Hafiz Saeed) और हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन (Syed Salahuddin),यासीन मलिक, शब्बीर शाह, मसरत आलम और अन्य के खिलाफ गैरकानूनी धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की अदालत ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक हाफिज सईद (Hafiz Saeed) और हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन (Syed Salahuddin), यासीन मलिक, शब्बीर शाह, मसरत आलम और अन्य के खिलाफ गैरकानूनी धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि हाफिज सईद एक घोषित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी और एक खूंखार आरोपी है, इसके द्वारा आतंकी फंडिंग के लिए भारत में पैसा भी भेजा गया था।

इन सभी के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज हैं। उनमें से कई पाकिस्तान में हैं और कुछ भारतीय जेलों में बंद हैं। कोर्ट ने कश्मीरी राजनेता और पूर्व विधायक राशिद इंजीनियर, व्यवसायी जहूर अहमद शाह वटाली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहमद शाह, नईम खान, बशीर अहमद भट, उर्फ पीर सैफुल्ला और कई अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय करने का भी आदेश दिया है।

जिसमें भारतीय दंड संहिता और यूएपीए सहित आपराधिक साजिश, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना, गैरकानूनी गतिविधियां आदि शामिल हैं। एनआईए के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने 16 मार्च को पारित एक आदेश में कहा, "उपरोक्त विश्लेषण से पता चलता है कि गवाहों के बयान और दस्तावेजी सबूतों ने लगभग सभी आरोपियों को एक-दूसरे के साथ और अलगाव के एक सामान्य उद्देश्य से जोड़ा है, उनके साधनों की समानता से।

पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के मार्गदर्शन और वित्त पोषण के तहत आतंकवादी(terrorist) /आतंकवादी संगठनों (terrorist organizations) के साथ उनके घनिष्ठ संबंध का उपयोग करना था"। कोर्ट (COURT) ने कहा कि, बहस के दौरान, किसी भी आरोपी ने यह तर्क नहीं दिया कि व्यक्तिगत रूप से उनकी कोई अलगाववादी विचारधारा (separatist ideology) या एजेंडा नहीं है या उन्होंने अलगाव के लिए काम नहीं किया है या तत्कालीन जम्मू और कश्मीर (jammu-kasmir) राज्य को सरकार से अलग करने की वकालत नहीं की है।

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