जानें क्या है PFI और इसका मकसद, इन विवादों से जुड़े हैं इसके तार

जानें क्या है PFI और इसका मकसद, इन विवादों से जुड़े हैं इसके तार
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देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंसा, दंगों और हत्याओं (Violence, riots and killings) में बार-बार सामने आने वाले एक संगठन का नाम एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है।

देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंसा, दंगों और हत्याओं (Violence, riots and killings) में बार-बार सामने आने वाले एक संगठन का नाम एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। इसपर अब तक का सबसे बड़ा एक्शन देखने को मिल रहा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरूवार को देश के 10 से ज्यादा राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) के परिसरों में छापेमारी की।

जांच एजेंसी ने यह कार्रवाई टेरर फंडिंग और कैंप चलाने (Terror Funding and Camps) के मामले में की है। एनआईए और ईडी ने तमिलनाडु, केरल समेत 13 राज्यों में पीएफआई (PFI) के ठिकानों पर छापेमारी (NIA raids) की है। छापेमारी के दौरान 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार (Arrested) किया गया है। एनआईए (NIA) ने जिन राज्यों में छापेमारी की है उनमें केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र शामिल हैं। वही दिल्ली पीएफआई अध्यक्ष परवेज (PFI President Parvez Ahmed) को भी एनआईए (NIA) ने गिरफ्तार (Arrested) कर लिया है।

आपको बता दें कि पीएफआई (PFI) का लंबे समय से विवादों से नाता जुड़ा रहा है और इसका नाम हत्या से लेकर दंगों में सुमार होता आया हैं। चाहे वह शाहीन बाग हिंसा हो, जहांगीरपुरी हिंसा, राजस्थान की करौली हिंसा या फिर कर्नाटक में एक बीजेपी नेता की हत्या। हर विवादों में उसका नाम सामने आता ही है. तो चलिए जानते है क्या है पीएफआई क्या है इसका मकसद किन विवादों से जुड़ा है नाम?

2006 में हुआ इसका गठन

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया एक इस्लामिक संगठन है। यह संगठन खुद को पिछड़े और अल्पसंख्यकों के हक़ में आवाज उठाने वाला बताता है। इसका गठन वर्ष 2007 में राष्ट्रीय विकास मोर्चा (एनडीएफ) के उत्तराधिकारी के रूप में किया गया था। इससे पहले 2006 में तीन मुस्लिम संगठन राष्ट्रीय विकास मोर्चा, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु की मनिथा नीति पासारी का विलय हुआ था। और उसके बाद PFI अस्तित्व में आया।

इसका मुख्यालय दिल्ली में है। दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद दक्षिण में ऐसे कई संगठन सामने आए थे। इनमें से कुछ को मिलाकर पीएफआई का गठन किया गया था। संगठन पीएफआई में सदस्यों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं देता है। हालांकि, यह दावा करता है कि 20 राज्यों में इसकी इकाइयां हैं। शुरुआत में पीएफआई का मुख्यालय केरल के कोझिकोड में था, लेकिन बाद में इसे दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया।

27 हत्याओं के मामलों से है संबंध

अगर पीएफआई को विवाद का दूसरा नाम कहा जाए तो गलत नहीं होगा। पीएफआई कार्यकर्ताओं पर आतंकी संगठनों से लेकर हत्याओं तक के आरोप हैं। 2012 में, केरल सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया कि पीएफआई का 27 हत्या के मामलों से सीधा संबंध है। इनमें से ज्यादातर मामले आरएसएस (RSS) और सीपीएम कार्यकर्ताओं की हत्या से जुड़े थे।

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