Nirbhaya Rape Case: सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पवन की स्पेशल लीव पिटीशन की खारिज

Nirbhaya Rape Case: सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पवन की स्पेशल लीव पिटीशन की खारिज
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निर्भया रेप केस में दोषी पवन की स्पेशल लीव पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। दोषी पवन ने एसएलपी में दावा किया है कि 16 दिसंबर 2012 को निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई थी उस समय मैं नाबालिग था।

निर्भया केस के दोषी पवन कुमार गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन दायर की जिसपर आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पवन की एसएलपी याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में दोषी पवन ने दावा किया है था कि 16 दिसंबर 2012 को निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई थी उस समय मैं नाबालिग था।

दोषी पवन कुमार गुप्ता ने अपने वकील एपी सिंह के जरिये सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट में SLP दायर कर हाईकोर्ट के 19 दिसंबर के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें हाईकोर्ट ने फर्जी दस्तावेज देने और समन के बावजूद कोर्ट में उपस्थित नहीं होने के लिए उनके वकील की भी आलोचना करने के साथ जुर्माना भी लगाया था।

स्पेशल लीव पिटीशन में दोषी पवन ने कहा है कि सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मेरे नाबालिग होने के तथ्य को नजरअंदाज किया था। उम्र की जांच करने वाला बीएमडी( अस्थि खनिज घनत्व) परीक्षण भी नहीं कराया था। भारतीय संविधान के अनुसार देश में अपराध के समय जो कानून अस्तित्व में होता है। उसी कानून के तहत सजा दी जा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद ही साफ हो पाएगा कि दोषी पवन को राहत मिलेगी या 1 फरवरी को फांसी के फंदे पर झूलेगा। अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी ही होगा लेकिन यह तो साफ है कि ये दोषियों की फांसी से बचने की नई-नई रणनीति का ही हिस्सा है।

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