Nirbhaya Case : सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप के आरोपियों की एकसाथ फांसी की मांग को 5 मार्च तक टाला

Nirbhaya Case : निर्भया गैंगरेप के आरोपियों में शामिल चार लोगों को अलग अलग फांसी की सजा देने की केंद्र की अपील को 5 मार्च तक के लिए टाल दिया है। दिल्ली की अदालत निर्भया गैंगरेप में शामिल चारो आरोपियों को फांसी की सजा सुना चुकी है जिसके बाद से ही सभी आरोपी फांसी से बचने के सभी हथकंडे अपना रहे हैं।
फांसी की सजा पाए चार आरोपियों में से अब सिर्फ एक (पवन) के पास ही फांसी से बचने की अपील का रास्ता बचा हुआ है यानी बाकी तीन आरोपियों के फांसी से बचने के लिए अपील करने के सभी रास्ते बंद हो चुके हैं। माना जा रहा है कि पवन फांसी से बचने को लेकर अपील नहीं करेगा और चारों आरोपियों को 3 मार्च को फांसी दे दी जाएगी।
केंद्र सरकार ने की थी अलग अलग फांसी की मांग
निर्भया गैंगरेप के आरोपियों को जब से फांसी की सजा सुनाई गई है तब से सभी आरोपियों द्वारा फांसी को टालने के रास्ते अपनाए जा रहे हैं। हालांकि कानून का सहारा लेकर ही आरोपी दया याचिका की मांग कर रहे हैं लेकिन सभी आरोपी एक साथ दया याचिका की मांग न करते हुए अलग अलग इसकी मांग कर रहे हैं जिससे अभी तक दो बार इन आरोपियों की फांसी टल चुकी है।
Supreme Court defers the matter to March 5, the hearing on Ministry of Home Affair's petition, seeking a direction to execute the 2012 Delhi gang rape's death row convicts separately. pic.twitter.com/Hu1NLwthbk
— ANI (@ANI) February 25, 2020
केंद्र सरकार ने अपील की है कि सभी आरोपियों को साथ नहींतो उन आरोपियों को फांसी पर लटकाया जाए जिनके लिए दया याचिका के सारे रास्ते बंद हो चुके हैं, जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 5 मार्च तक सुनवाई टाल दी है।
2012 निर्भया गैंगरेप केस
16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में निर्भया के साथ एक बस में गैंगरेप किया गया था जिसमें शामिल 6 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। निर्भया गैंगरेप के 6 आरोपियों में से एक रामसिंह ने तिहाड़ में फांसी लगा ली थी और एक अन्य को नाबालिग होने के चलते जुवेनाइल भेज दिया था।
निर्भया गैंगरेप के आरोप में फांसी पाए चार आरोपी मुकेश, पवन, अक्षय, विनय को दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने 22 फरवरी को फांसी की सजा देने का फैसला सुनाया था। अभियक्तों की दया मांग के बाद फांसी की तारीख तलकर 1 फरवरी तय हुई जिसके बाद अन्य अभियुक्त ने अपने अधिकारीयों का प्रयोग किया जिसके बाद एक बार फिर फांसी की तारीख टल गई। दिल्ली हाईकोर्ट पहले ही कह चुकी है कि चारों आरोपियों को एक साथ सजा दी जाएगी। दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों को दया मांग के लिए 7 दिन का समय दिया था।
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