निर्भया गैंगरेप केस : दोषी पवन गुप्ता ने SC में दाखिल की SLP, खुद को घटना के वक्त बताया नाबालिग

निर्भया गैंगरेप मामले में दोषियों में से एक पवन गुप्ता ने आज सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक स्पेशल लीव पिटिशन (एसएलपी) दायर की है। दोषी पवन गुप्ता ने दावा किया है कि वह साल 2012 में अपराध के समय नाबालिग था।
लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने इस तथ्य की अनदेखी की है। कानून के जानकारों का मानना है कि दोषी पवन गुप्ता को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिल पाएगी। वहीं आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया के दोषी मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी है।
दिल्ली हाई कोर्ट याचिका कर चुका है याचिका खारिज
बता दें कि दोषी पवन कुमार गुप्ता ने दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दायर कर दावा किया था कि दिसंबर 2012 में घटना के समय वह नाबालिग था। उसकी उम्र 18 वर्ष से कम थी। हालांकि दिल्ली हाई कोर्ट ने दोषी की नाबालिग बताने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। वहीं कोर्ट ने दोषी के वकील पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
दोषियों को 1 फरवरी को होगी फांसी
दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्ररवार को निर्भया गैंगरेप केस के चारों दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी कर दिया है। चारो दाषियों को अब एक फरवरी सुबह छह बजे फांस दी जाएगी। बता दें कि दाषियों को पहले 22 जनवरी को फांसी दी जानी थी। कोर्ट को तिहाड़ जेल अधिकारियों ने सूचना दी कि मुकेश की दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया है। इसके बाद कोर्ट ने नया डेथ वॉरंट जारी किया।
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