Nirbhaya Rape Case: तिहाड़ जेल प्रशासन ने कोर्ट में कहा- निर्भया के दोषियों से जुड़े कोई दस्तावेज नहीं

निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के चार दोषियों में से एक विनय शर्मा ने दिल्ली की कोर्ट से अपनी 170 पन्नों की निजी डायरी वापस लेने की मांग की है। जिसको लेकर कोर्ट में जेल प्रशासन ने कहा कि उनके पास चारों दोषियों में से किसी का कोई दस्तावेज नहीं है।
विनय शर्मा के वकील एपी सिंह ने कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल ने दया याचिका में 170 पन्नों की निजी डायरी संलग्न करने की इच्छा व्यक्त की थी"। सिंह ने यह भी कहा कि उनकी दया याचिका तैयार थी। निर्भया केस: अभियुक्तों की वकील फाइलें दिल्ली की अदालत से पहले ताजा याचिका, निष्पादन में देरी का नेतृत्व कर सकती हैं।
विनय के वकील ने पटियाला हाउस कोर्ट के समक्ष दायर अपनी याचिका में यह भी कहा कि उन्होंने तिहाड़ जेल अधिकारियों से डायरी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
आवेदन में कहा गया है कि कई अनुरोधों के बावजूद विनय शर्मा को दोषी ठहराने से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए और आगे भी इसी तरह के दस्तावेज दोषियों पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर को संबंधित जेलों के अधीक्षकों से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए जाने चाहिए।
सिंह ने अदालत से तिहाड़ जेल अधिकारियों को दो अन्य दोषियों अक्षय सिंह और पवन गुप्ता के साथ उपलब्ध शेष कानूनी उपचारों का अभ्यास करने के लिए संबंधित दस्तावेजों की आपूर्ति करने के लिए निर्देश जारी करने का भी आग्रह किया। अदालत ने हाल ही में दोषियों के खिलाफ मौत का वारंट जारी किया था और 1 फरवरी को मृत्युदंड की सजा की तारीख तय की थी। एक दोषी मुकेश सिंह ने क्यूरेटिव पिटीशन के अपने कानूनी फैसले को समाप्त कर दिया है।
दिलचस्प बात यह है कि विनय के नाम पर एक दया याचिका चली गई और याचिका खारिज करते हुए उनका पत्र राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के सामने लंबित है। पवन और अक्षय ने अभी तक क्यूरेटिव याचिका दायर नहीं की है। यदि पवन और अक्षय ने याचिका दायर की तो चारों दोषियों को फांसी देने में देरी हो सकती है।
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