वित्त मंत्रालय बैंकों में जमा राशि पर 1 लाख से बीमा सीमा बढ़ाने के प्रस्तावों पर विचार कर रहा: निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्रालय बैंकों में जमा राशि पर 1 लाख से बीमा सीमा बढ़ाने के प्रस्तावों पर विचार कर रहा: निर्मला सीतारमण
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निर्मला सीतारमण ने आज एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि वित्त मंत्रालय बैंकों में जमा राशि पर वर्तमान एक लाख रुपये से बीमा सीमा बढ़ाने के प्रस्तावों पर विचार कर रहा है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि वित्त मंत्रालय बैंकों में जमा राशि पर वर्तमान एक लाख रुपये से बीमा सीमा बढ़ाने के प्रस्तावों पर विचार कर रहा है।

इसके अलावा निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमने आरबीआई और अन्य एजेंसियों के साथ चर्चा की है कि क्या प्रमोटर्स (पीएमसी बैंक) की किसी भी जब्त संपत्ति को आरबीआई के अधीन लाया जा सकता है और पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक के ग्राहकों को भुगतान किया जा सकता है। सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान ये कानून लाए जाएंगे।

वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक जमा एवं लोन गारंटी निगम अधिनियम योजना के तहत मौजूदा संरक्षण को वर्तमान में एक लाख रुपये की सीमा से अधिक किया जाएगा। लेकि उन्होंने यह नहीं बताया कि बैंक जामा पर बीमा सुरक्षा की नई सीमा कितनी होगी।

सीतारमण ने कहा कि एक लाख रुपये की सीमा 1993 में तय की गई थी जिसे महंगाई और आयकर छूट की सीमा में बढ़ेतरी आदि को देखते हुए बढ़ाए जाने की जरूरत महसूस की जा रही है। बहुराज्यीय सहकारी बैंकों को नियमन के दायरे में लाने के मामले में मंथन जारी है। सहकारी बैंकों को भी नियमन के लिहाज से बैंकिंग नियमन कानून के दायरे में लाया जा सकता है।

इस संबंध में तमाम संबंधित कानूनों पर गौर किया जा रहा है और उम्मीद है कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल इस बारे में विधेयक को जल्द मंजूरी देगा और इसे संसद के आगामी सत्र में ही पेश किया जा सकेगा।'' जमा बीमा और रिण गारंटी निगम कानून 1961 में अस्तित्व में आया। इसके तहत गठित निगम रिजर्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है।

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