शिक्षा सूचकांक में उत्तर प्रदेश रहा सबसे फिसड्डी, इस राज्य ने मारी बाजी

शिक्षा सूचकांक में उत्तर प्रदेश रहा सबसे फिसड्डी, इस राज्य ने मारी बाजी
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नीति आयोग (Niti Aayog) ने शिक्षा सूचकांक (Education Index) जारी किया है। जिसमें केरल पहली रैंक पर (Kerala Ranked First) है। जबकि उत्तर प्रदेश आखिरी पायदान (Uttar Pradesh) पर रहा है। सूचकांक के अनुसार भारत के 20 बड़े राज्यों में केवल 18 में ही स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार है।

नीति आयोग (NITI Aayog) के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने सीईओ अमिताभ कांत (Amitabh Kant) और मानव संसाधन विकास मंत्रालय की स्कूली शिक्षा सचिव रीना रे की मौजूदगी में शिक्षा सूचकांक (Education Index) जारी किया है। सूचकांक को 30 संकेतकों के आधार पर बनाया गया है। सूचकांक के तय संकेतकों में बच्चों के सीखने की क्षमता, शिक्षा तक पहुंच, स्कूलों में बुनियादी ढांचा व सुविधाएं, समान रूप से बच्चों पर ध्यान और स्कूल प्रशासन शामिल हैं। सूचकांक के अनुसार 20 बड़े राज्यों में से केवल 18 में ही स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार देखा जा सकता है। 2016-17 को संदर्भ वर्ष और 2015-16 को आधार वर्ष लेकर गुणवत्ता सूचकांक बनाया गया है।

केरल पढ़ाई में टॉप पर

सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार भारत के 20 बड़े राज्यों में पढ़ाई की गुणवत्ता में केरल पहली रैंक (Kerala Ranked First) पर हैं। राजस्थान (Rajasthan) और कर्नाटक (Karnataka) क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सूचकांक में केरल को 76.6 फीसदी अंक मिले हैं। वहीं सूचकांक में भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य उत्तर प्रदेश आखिरी पायदान (Uttar Pradesh Last) पर है। उत्तर प्रदेश को महज 36.4 फीसदी अंक मिले हैं।

हरियाणा की शिक्षा में हुआ सुधार

सूचकांक में लगातार रैंकिंग में सुधार लाने वाले राज्यों में पांच राज्य हरियाणा, असम, ओडिशा, गुजरात व उत्तर प्रदेश हैं। सूचकांक जारी करने के बाद स्कूली शिक्षा सचिव रीना रे ने कहा कि देश में 11.85 लाख स्कूल हैं, जिनमें शिक्षकों की भारी कमी है। कहीं कहीं तो नियोजन वाले शिक्षकों से शिक्षण कार्य चलाना पड़ रहा है। यूपी समेत कुछ राज्य ऐसे हैं जहां शिक्षा के क्षेत्र में काफी अच्छा काम हुआ है।

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