ओड़िशाः 'फानी' चक्रवात से अबतक 12 लोगों की मौत, भारतीय नौसेना ने शुरू किया बचाव और पुनर्वास कार्य

चक्रवाती तूफान 'फानी' से ओडिशा में कम से कम 12 लोगों की मौत हुई है। तूफान के दस्तक देने के एक दिन बाद शनिवार को राज्य के लगभग 10,000 गांवों और शहरी क्षेत्रों में युद्धस्तर पर राहत कार्य शुरू किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहे इस अत्यंत भयंकर चक्रवाती तूफान की वजह से शुक्रवार को पुरी में तेज बारिश और आंधी आयी। तूफान के कमजोर पड़ने और पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने से पहले इसकी चपेट में आये कस्बों और गांवों में बहुत से घरों की छतें उड़ गयीं और कई घर पूरी तरह से बर्बाद हो गए।
Odisha: Indian Coast Guard's Disaster Relief Team distributes relief material and food packets at Dhankia village. #CyclonicStormFANI (Pic source: Indian Coast Guard) pic.twitter.com/LLnZgCwaYl
— ANI (@ANI) May 4, 2019
अधिकारियों ने कहा कि आपदा के कारण मरने वालों की संख्या शुक्रवार को आठ थी, जो मयूरभंज जिले में चार और लोगों के मारे जाने के बाद बढ़कर 12 हो गई।
उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रों से विस्तृत जानकारी आनी अभी बाकी है। मयूरभंज जिले के आपात अधिकारी एस के पति ने कहा, बारीपदा में अलग-अलग स्थानों पर पेड़ गिरने से चार लोगों की मौत हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बात की और तटीय राज्य में चक्रवात आने के बाद की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार को आश्वासन दिया कि केंद्र की तरफ से राज्य को लगातार सहायता मिलती रहेगी।
वहीं भारतीय नौसेना के पूर्वी नौसैन्य कमान ने ओडिशा में भीषण चक्रवाती तूफान 'फानी' से मची तबाही के बाद बड़े पैमाने पर बचाव एवं पुनर्वास के प्रयास शुरू किए।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक समुद्र में स्थिति का जायजा लेने के लिए नौसेना के डोर्नियर विमान ने दो उड़ानें भरीं और मंदिर नगरी पुरी के आस-पास बड़े पैमाने पर हुई बर्बादी की जानकारी दी।
#WATCH Indian Coast Guard conducted aerial survey of Puri, earlier today. #FaniCyclone pic.twitter.com/5r2cdC75Bx
— ANI (@ANI) May 4, 2019
इसमें कहा गया कि पूर्वी नौसैन्य कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ ने स्वयं तूफान प्रभावित इलाकों का हवाई निरीक्षण किया और राहत कार्यों की समीक्षा के लिए आईएनएस चिल्का का दौरा किया।
अधिकारियों ने बताया कि अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान ने शुक्रवार को पुरी में दस्तक दी थी जिससे यहां भारी बारिश हुई और 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। इसके चलते झोंपड़ियां उजड़ गईं, कई गांवों एवं नगरों को डुबाने के बाद यह तूफान कमजोर पड़ने के साथ ही पश्चिम बंगाल पहुंच गया।
हवाई निरीक्षणों के आधार पर पूर्वी नौसैन्य कमान राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन के साथ मिल कर पुरी एवं उसके उपनगरों के इर्द गिर्द तीन दिशाओं से राहत एवं पुनर्वास कार्यों को अंजाम दे रहा है।
विज्ञप्ति में कहा गया कि खाद्य सामग्री, जरूरी दवाओं, कपड़ों, कीटनाशकों, मरम्मत के सामान, टूटे पेड़ों को हटाने के लिए आरी, टॉर्च, बैटरियां आदि से भरे राहत एवं पुनर्वास 'ब्रिक्स' एवं 'पैलेट्स' (कंटेनरीकृत राहत भंडारों के लिए नौसैन्य भाषा) को आईएनएस चिल्का भेज दिया गया है। इसी तरह पूर्वी बेड़े के तीन पोत भी बचाव एवं पुनर्वास प्रयासों में लगे हुए है।
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