Odisha Train Accident: रेलवे का 'कवच' रोक सकता था हादसा, क्या है Kavach, कैसे करता है काम

Odisha Train Accident: रेलवे का कवच रोक सकता था हादसा, क्या है Kavach, कैसे करता है काम
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ओडिशा (Odisha) के बालासोर (Balasore) में ट्रेन हादसे से करीब 261 लोगों की मौत हे चुकी है और एक हजार लोग घायल हो गए हैं। वहीं, अगर रेलवे कवच (Railway Armor) होता, तो इस भीषण हादसे को रोका जा सकता था। जानिए क्या होता है कवच, यह कैसे काम करता है।

ओडिशा (Odisha) के बालासोर (Balasore) में ट्रेन हादसे के कारण अब-तक 261 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, लगभग एक हजार लोग घायल हो गए हैं। इस हादसे को लेकर विपक्ष सवाल उठा रहा हैं कि सुरक्षा 'कवच' काम क्यों नहीं आया। जिस 'कवच' को लेकर दावा किया जा रहा था कि इससे कोई एक्सीडेंट नहीं होगा, लेकिन हादसे ने इस दावे को झुठलाते हुए सैकड़ों लोगों की जान ले ली है। ऐसे में आपके मन में एक सवाल जरूर उठता होगा कि क्या है ये 'कवच', क्या इससे सच में जीरो ट्रेन एक्सीडेंट होगा, यह हादसा कैसे हो गया। तो चलिए आज हम आपको इस 'कवच' से जुड़ी तमाम जानकारी देते हैं।

क्या है ये 'कवच'

यह 'कवच' ट्रेन की सुरक्षा की दृष्टिकोण से तैयार किया गया है। यह एक ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम (Automatic Train Protection System) है, इसे भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (RDSO) के जरिए बनाया है। इस ट्रेन कवच सिस्टम पर साल 2012 से ही काम किया जा रहा था। इस प्रोजेक्ट का नाम Train Collision Avoidance System रखा गया था। इसका पहला ट्रायल साल 2016 में किया गया था। वहीं, साल 2022 में इसका एक डेमो भी देखने को मिला था।

जानें कैसे काम करता है ये कवच

जिसे हम कवच कहते हैं, यह एक प्रकार का ऑटोमेटिक सिस्टम (Automatic System) है, जो कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस (Electronic Devices) का एक सेट है। यह सिस्टम रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (Radio Frequency Identification) पर काम करता है। इस डिवाइसेस को ट्रेन, ट्रैक, रेलवे सिग्नल सिस्टम के अलावा हर स्टेशन पर एक किलोमीटर की दूरी पर लगाया जाता है। ये सिस्टम दूसरे कंपोनेंट्स से अल्ट्रा हाई रेडियो फ्रीक्वेंसी के माध्यम से उससे कम्यूनिकेट करता है। इस सिस्टम के लगने के बाद जैसे ही कोई लोको पायलट किसी सिग्नल को जंप करता है, यह डिवाइस एक्टिव हो जाता है। फिर यह ऑटोमैटिक सिस्टम लोको पायलट को अलर्ट कर देता है और ट्रेन के ब्रेक का कंट्रोल अपने पास ले लेता है। इस बीच जैसे ही सिस्टम को पता चलता है कि इसी ट्रैक पर दूसरी ट्रेन भी आ रही है, तो ये सिस्टम ट्रेन के मूवमेंट को रोक देता है। सिस्टम लगातार ट्रेन की मूवमेंट को मॉनिटर करता है और इसके सिग्नल भी भेजता रहता है।

इस कवच के बाद भी कैसे हुआ हादसा

बता दें कि इस ट्रेन सुरक्षा कवच को अभी सभी रूटों पर नहीं लगाया गया है। इसका विस्तार धीरे-धीरे सभी रूटों पर किया जा रहा है। दरअसल, जिस रूट पर ये हादसा हुआ है, उसमें अभी इस सिस्टम को नहीं लगाया गया है, इसके कारण से यह हादसा हो गया है।

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