Odisha Train Accident: भारत में पटरी से क्यों उतर जाती है ट्रेन, यहां पढ़ें पांच कारण

Odisha Train Accident: ओडिशा (Odisha) के बालासोर (Balasore) में शुक्रवार शाम करीब सात बजे भीषण रेल हादसा हुआ है। कोरोमंडल एक्सप्रेस, सर एम.विश्वेश्वरैया-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और मालगाड़ी के तिहरे रेल हादसे (Train Accident) में अब तक 288 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, 900 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। रेल मंत्रालय के अनुसार, रेस्क्यू ऑपरेशन भी समाप्त हो चुका है। साथ ही, पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) इस हादसे का जायजा लेने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे हैं। आइए जानते हैं कि भारत में किन वजह से ट्रेन बेपटरी हो जाती है।
भारत में रेल के पटरी से उतरने के पांच कारण
इमरजेंसी ब्रेक्स
रेल के हादसों में इमरजेंसी ब्रेक्स (Emergency Brakes) भी एक बड़ी वजह साबित हो सकती है। जब ट्रेन की गति अधिक होती है, तो इमरजेंसी ब्रेक्स का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें ट्रेन के पहिए और पटरी के बीच में घर्षण पैदा होता है, जो हादसे का कारण बन सकता है। अक्सर बहुत अधिक रफ्तार में इमरजेंसी ब्रेक्स ट्रेन में बैठे यात्रियों की जान को खतरे में डाल सकती है।
तेज रफ्तार भी एक कारण
रेल हादसों (Train Accident) में ट्रेन की रफ्तार का भी बहुत बड़ा हाथ होता है। भारत में ज्यादातर रेलवे ट्रेक (Railway Track) काफी पुराने हो चुके हैं और इनकी मरम्मत करने का कार्य भी सही प्रकार से नहीं किया जाता है, जो हादसों की बड़ी वजह बनता है।
तकनीकी इंस्टालेशन
ट्रेनों को एक मार्ग से दूसरे मार्ग पर भेजने के लिए तकनीकी इंस्टालेशन का प्रयोग होता है। जिससे ट्रेन को एक ट्रेक से दूसरे ट्रेक पर जाने के लिए गाइड किया जा सके। अक्सर रेलवे स्टेशनों पर जब ट्रेन आखिरी ट्रेक पर भेजी जाती है और ड्राइवर इस बात को नजरअंदाज करता है तो यह ट्रेक से उतर सकती है। ओडिशा रेल हादसे में बचे हुए लोगों ने अपनी आपबीती सुनाई है। यहां पर पढ़े विस्तृत रिपोर्ट...
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ट्रेन के पहियों की रिपेयरिंग
अगर ट्रेन के पहियों की सही समय पर रिपेयरिंग नहीं होती है, तो वह जाम पड़ जाते हैं। ट्रेन के जाम पहियों के साथ ट्रेन को मोड़ना और रफ्तार प्रदान करना भी खतरे को दावत देना होता है। ऐसे में ट्रेन के ट्रेक से उतरने का खतरा कई गुना अधिक बढ़ जाता है। इससे पहिए ट्रेक को नुकसान पहुंचाते हैं।
फिश प्लेट्स की जांच
फिश प्लेट्स का प्रयोग ट्रेन ट्रेक में सेक्शन को जोड़ने के लिए किया जाता है। जिसमें कुछ छेद किए जाते हैं। जो सेक्शन के आखिर में रिपीट किए जाते हैं। इसे आयर बीम और कुछ बोल्ट की सहायता से जोड़ा जाता है। अगर समय से इन बोल्ट की मरम्मत ना की जाए तो ये ढीले होने लगते हैं, जो हादसे की बड़ी वजह बन सकते हैं।
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