ओडिशा: पुरी में इस साल भी बिना श्रद्धालुओं के होगा रथ यात्रा का आयोजन, जाने क्या है कारण

ओडिशा के पुरी में हर साल होने वाली रथ यात्रा में पिछले साल की तरह इस साल भी श्रद्धालु शामिल नहीं हो सकेंगे। राज्य सरकार ने 12 जुलाई को निर्धारित वार्षिक रथ यात्रा से एक महीने पहले ही घोषणा कर दी है कि इस साल भी श्रद्धालुओं को उत्सव में हिस्सा लेने की इजाजत नहीं होगी। सरकार की ओर से कहा गया है कि यह उत्सव कोरोना वायरस संबंधी प्रोटोकॉल के सख्त अनुपालन के बीच केवल पुरी में आयोजित किया जाएगा।
विशेष राहत आयुक्त पी के जेना के मुताबिक, बीते साल 2020 में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दायर सभी दिशा-निर्देशों का इस अवसर पर अनुष्ठानों के दौरान अक्षरश: पालन करना होगा। इस वर्ष भी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पुरी में बिना श्रद्धालुओं के होगी। प्रशासन ने कर्नाटक के अन्य हिस्सों में इस तरह के समारोहों के आयोजन पर प्रतिबंध लगाया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विशेष राहत आयुक्त पी के जेना कहना है कि केवल सिलेक्टेड कोरोना निगेटिव रिपोर्ट और कोरोना वैक्सीन कि दोनों डोज ले चुके सेवक ही स्नान पूर्णिमा और अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा ले सकेंगे। रथ यात्रा के दिन इस पवित्र नगर में कर्फ्यू लगाया जाएगा। साल 2020 के कार्यक्रम के दौरान लगाई गई सभी पाबंदियां इस बार भी लागू रहेंगी।
टेलीविजन पर होगा सीधा प्रसारण
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने कहा है कि कार्यक्रम का सीधा प्रसारण टेलीविजन पर होगा। कार्यक्रम को श्रद्धालु इसे लाइव देख सकेंगे। 9 दिन तक चलने वाली रथ यात्रा तय कार्यक्रम के अनुरूप शुरू होगी। केवल 500 सेवकों को इस दौरान रथ खींचने की इजाजत होगी। जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने कहा कि पुरी में अब भी हर दिन कोरोना वायरस के लगभग 300 मामले सामने आ रहे हैं। केवल जरूरी एवं आपात सेवाओं को ही उत्सव के दौरान अनुमति होगी। पुरी में वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित होगा।
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