तालिबान आतंकी संगठन है या नहीं? इसको लेकर उमर अब्दुल्ला ने पूछा मोदी सरकार से सवाल

अफगानिस्तान में तालिबान सरकार बनाने की तैयारियों में जुटा हुआ है। इसी बीच भारत में किस तरह से तालिबान का असर होगा इसको लेकर कई तरह के सवाल लोगों के जेहन में उठाए हैं। इसी बीच जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने एक बयान में कहा कि तालिबान का जम्मू कश्मीर पर क्या असर होगा। इसके बारे में जवाब केंद्र की मोदी सरकार देगी। क्योंकि लगातार सवाल उठाए हैं कि तालिबान के कब्जे के बाद इसका असर भारत पर भी दिखेगा।
जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से पूछा कि वह यह स्पष्ट करें कि तालिबान आतंकी संगठन है या नहीं। उन्होंने कहा कि अलकायदा के खतरे को लेकर मैं कोई बयान नहीं देना चाहता हूं। उन्होंने जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 को हटाने को लेकर कहा कि अभी हमारी लड़ाई जारी है। हम 370 को फिर से बहाल करेंगे।
जानकारी के लिए बता दें कि पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला से तालिबान को लेकर सवाल किया गया था। जिसमें सवाल किया गया था कि तालिबान का जम्मू कश्मीर पर क्या असर होगा। तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि केंद्र सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि तालिबान एक आतंकी संगठन है या नहीं। अगर वह आतंकी संगठन है, तो फिर हम लोग उनसे बात क्यों कर रहे हैं और अगर नहीं है तो इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवादियों के लिस्ट से बाहर करना चाहिए।
क्योंकि बीते दिन खबर आई थी कि दोहा में तालिबानी नेताओं के साथ भारत सरकार ने बातचीत शुरू कर दी है। जिसके बाद ऐसे में माना जा रहा है कि तालिबान अफ़गानिस्तान में सरकार बनाएगा तो उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जगह दी जाएगी और कहीं ना कहीं उसका एक नया रूप देखने को मिलेगा। बीते मंगलवार की तड़के तक अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद भारत सरकार ने भी तालिबान के साथ आधिकारिक स्तर पर बातचीत शुरू कर दी थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया था कि कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने दोहा में तालिबान के नेताओं से चर्चा की थी।
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