One Nation One Election: विपक्ष के विरोध के बीच Congress के कुछ नेताओं ने किया समर्थन

One Nation One Election: विपक्ष के विरोध के बीच Congress के कुछ नेताओं ने किया समर्थन
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One Nation One Election: ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लेकर केंद्र सरकार ने कमेटी बना दी है, जिसका अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बनाया गया है। एक तरफ ज्यादातर विपक्षी नेता सरकार के इस कदम का विरोध कर रहे हैं तो कुछ कांग्रेस नेता इसका समर्थन भी कर रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर...

One Nation One Election: ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लेकर केंद्र सरकार ने कमेटी बना दी है, जिसका अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बनाया गया है। केंद्र सरकार ने 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र भी बुलाया है। हो सकता है कि सरकार ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लेकर केंद्र सरकार संसद में बिल भी पेश कर सकती है। केंद्र द्वारा बनाई गई कमेटी ‘एक देश एक चुनाव’ के कानूनी बिंदुओं पर गौर करेगी। इसके अलावा आम जनता से भी राय लेगी।

बता दें कि एक तरफ ज्यादातर विपक्षी नेता सरकार के इस कदम का विरोध कर रहे हैं तो कुछ कांग्रेस नेता इसका समर्थन भी कर रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव हैं, जिन्होंने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ का तह-ए-दिल से स्वागत किया है। उन्होंने कहा, "मैं व्यक्तिगत तौर पर केंद्र के इस निर्णय का स्वागत करता हूं।" दूसरी तरफ, हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह (Anirudh Singh) ने इसका विरोध करते हुए कहा, “हमारे देश में वन नेशन वन इलेक्शन की बात कोई नई नहीं है, बल्कि भारतीय जनता पार्टी लंबे समय से इसके पीछे लगी हुई है। इस तरह देश में तानाशाही लाने की कोशिश की जा रही है। देश के ज्यादातर राज्यों में भाजपा की जड़ें जोर-शोर से हिल रही हैं। इसलिए सरकार अब लोगों का ध्यान भटकने की कोशिश में लगी हुई है।” अनिरुद्ध सिंह ने आगे कहा, “हाल ही में कुछ राज्यों में चुनाव कराए गए हैं। अगर वन नेशन वन इलेक्शन बिल पास होता है, तो छह महीने में ही इन राज्य में चुनाव कराने पड़ेंगे। केंद्र की बीजेपी सरकार यह सब करके देश पर आर्थिक बोझ डालेगी। साथ ही देश की आम जनता का पैसा व्यर्थ में बहाया जाएगा।

'वन नेशन वन इलेक्शन पर मांगी जाएगी जनता की राय'

वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है, “अभी तो केवल समिति बनी है, इतना घबराने की क्या बात है? पहले समिति की रिपोर्ट आएगी, फिर पब्लिक डोमेन में चर्चा होगी। संसद में चर्चा की जाएगी। घबराने की कोई बात नहीं है। फिलहाल समिति बनाई गई है। इसका अर्थ यह नहीं है कि यह कल से ही लागू हो जाएगा।"

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