Tomato History: टमाटर को 200 साल पहले माना जाता था जहर, केस जीतकर किचन में बनाई जगह, पढ़ें इसकी कहानी

प्याज और टमाटर ऐसी सब्जियां हैं, जो कि अन्य सब्जियों का स्वाद बढ़ा देते हैं। हर घर के किचन में प्याज और टमाटर का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि कई लोग ऐसे भी हैं, जो प्याज का इस्तेमाल नहीं करते हैं, लेकिन प्रत्येक व्यक्ति हर सीजन में टमाटर का इस्तेमाल (use of tomato) अवश्य करता है। विशेषकर सर्दी में लोग टमाटर का सूप (tomato soup) पीते हैं, वहीं अन्य सीजन में इसका सलाद भी बड़े ही चाव से खाया जाता है। क्या आपको पता है कि आज टमाटर किचन की बड़ी जरूरत बन गया है, एक समय में उसे जहर (are tomato poisonous) मानकर नजरअंदाज कर दिया जाता था। केवल भारतीय ही नहीं बल्कि विदेशी भी टमाटर के लाल रंग को देखकर घबरा जाते थे कि कहीं बच्चे ने गलती से टमाटर खा लिया तो उसकी जान न चली जाए। लोगों का यह भम्र करीब 200 साल पहले टूटा, जब यूरोप ने 28 जून 1820 को इसे बिना जहर वाली सब्जी घोषित (tomato declared non-poisonous vegetable) किया था। तो चलिये बताते हैं कि इससे पहले लोग इस टमाटर को जहर क्यों मानते थे।
इस कारण से टमाटर को माना जाता था जहर
बदलते समय के साथ खेती की तकनीकों में बदलाव आया है। इसके चलते टमाटर में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन के साथ ही पोटेशियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस जैसे पोषक तत्व पाए (tomato vitamins and nutrients) जाते हैं। यह टमाटर कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करता है। इसके अलावा भी कई ऐसे फायदे हैं, जो टमाटर के सेवन से प्राप्त होते हैं। हालांकि 200 साल पहले ऐसा नहीं था। तब टमाटर में लैड की मात्रा अधिक पाई जाती थी। यही कारण था कि यूरोप के साथ ही अमेरिका भी इसे जहर वाली सब्जी की श्रेणी में गिनते थे। इसके कारण टमाटर को पापी फल की उपाधि मिल गई थी। लोग सतर्क रहते थे कि कहीं बच्चा गलती से टमाटर न खा ले। अगर खा लिया तो उसे कोई बचा नहीं पाएगा। कृषि उत्पादक टमाटर की खेती करना बंद करने लगे थे।
लाल रंग भी बढ़ाने लगा डर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टमाटर के खौफ की दूसरी वजह यह भी थी कि उसका रंग लाल था। लोग लाल रंग को खतरे का प्रतीक मानते थे। अमेरिकी सर्जन जॉन गेराड ने टमाटर की नई खेती की तो उसमें टोमैटिन नामक टॉक्सिन बेहद कम मात्रा में पाया गया। लोग मानते थे कि टोमैटिन जहरीला है। लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया कि टमाटर के सेवन से जान नहीं जाएगी, लेकिन लोगों ने टमाटर को अपनाने से साफ मना कर दिया। लगातार विवादों के चलते एक शख्स ने तो अदालत में ही अर्जी लगा दी कि टमाटर को हमेशा के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाए। खास बात है कि अदालत ने भी टमाटर को कोर्ट में मौजूद होने का आदेश दे दिया। अब सबको लगा कि टमाटर कोर्ट में मौजूद नहीं होगा और उस पर हमेशा के लिए प्रतिबंध लग जाएगा। हालांकि ऐसा नहीं हुआ, कोर्ट में टमाटर की हाजिरी भी लगी और बेगुनाही भी साबित हो गया।
ऐसे बेगुनाह साबित हुआ टमाटर
मामला 28 जून 1820 का है। न्यू जर्सी के सेलम की एक कोर्ट खचाखच भरी थी। सबको इंतजार था कि टमाटर कोर्ट में पेश हो और साबित करे कि उससे सेहत पर कोई गलत असर नहीं पड़ेगा। हर कोई टमाटर के सेवन के खराब अनुभव बता रहे थे, लेकिन अचानक एक शख्स कोर्ट में एंट्री करता है, जिनका नाम कर्नल रॉबर्ट गिबन जॉनसन था। उनके हाथों में टमाटरों से भरी टोकरी होती हैं। उन्हें देखकर कोर्ट परिसर में शोर शराबा होने लगता है। कोर्ट चिल्लाने वाले लोगों को चुप रहने का आदेश देती, अचानक जॉनसन एक के बाद एक टमाटर को खाना शुरू कर देते हैं। सबको लगता है कि अब उसकी जान बचने वाली नहीं है। लेकिन पूरी टोकरी खाली करने के बाद जॉनसन दलील देते हैं कि अगर यह जानलेवा होता तो अब तक जिंदा क्यों है। यही नहीं, उन्होंने टमाटर के कई फायदे भी बताएं। कोर्ट ने पूरे मामले को समझा और टमाटर को गैर जहर वाली सब्जी घोषित कर दिया। इसके बाद से अमेरिका में टमाटर की बड़े पैमाने पर खेती होने लगी। इसके बाद से टमाटर ने हर किचन में जगह बनाना शुरू कर दिया था।
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जानें भारत में कब आया टमाटर
मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि पुर्तगाली खोजकर्ता 16वीं शताब्दी में भारत में टमाटर लेकर पहुंचे थे। पुर्तगालियों के माध्यम से ही भारतीयों ने सबसे पहले टमाटर का स्वाद चखा था। हालांकि टमाटर में लैड की अधिक मात्रा की खबरें उड़ीं तो यूरोप और अमेरिका ने इसका इस्तेमाल करना बंद कर दिया था। हालांकि बाद में जब टमाटर को गैर जहरीला सब्जी घोषित किया गया तो भारतीयों ने भी इसका दिल से स्वागत किया और आज भी ये रसोईघरों की शान बढ़ा रहे हैं।
आज जेब की पहुंच से हो रहा दूर
वर्तमान की बात करें तो आज टमाटर का भाव आसमान को छू रहा है। वर्तमान में टमाटर की कीमतें 100 से 120 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गई है। ट्विटर पर तो हैशटेग टमाटर चल रहा है, जिसमें लोग विभिन्न प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बारिश और लू की वजह से टमाटर की फसलें तबाह हुई हैं, जिसका असर कीमतों पर पड़ रहा है। जानकारों का कहना है कि टमाटर की नई खेती आने के बाद ही इसकी कीमतें कम हो पाएंगी।
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