Parambir Singh Letter: गृह मंत्री के बचाव में शरद पवार के बाद आई कांग्रेस, भाजपा पर लगाया गंभीर आरोप

Parambir Singh Letter: गृह मंत्री के बचाव में शरद पवार के बाद आई कांग्रेस, भाजपा पर लगाया गंभीर आरोप
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मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद एनसीपी चीफ शरद पवार ने सफाई दी और अब कांग्रेस भी बचाव में उतर आई है।

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद एनसीपी चीफ शरद पवार ने सफाई दी और अब कांग्रेस भी बचाव में उतर आई है। साथ ही सरकार गिराने के लिए भाजपा पर निशाना साधा है। इसके अलावा शरद पवार के घर पर बैठक हुई।

शरद पवार के साथ बैठक में अजीत पवार, जयंत पाटिल, प्रफुल्ल पटेल और कांग्रेस नेता कमलनाथ जैसे नेता मौजूद रहे। 100 करोड़ की वसूली में फंसे गृह मंत्री अनिल देशमुख को हटाने को लेकर कल फैसला आने की उम्मीद है। वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस ने बीजेपी पर ठाकरे सरकार को अस्थिर करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा है कि गृह मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह जांच एजेंसियों के दबाव में हो सकते हैं। भारत में ऐसा पहली बार नहीं है कि किसी सेवारत अधिकारी ने सत्ता में रहने वालों के खिलाफ आरोप लगाए हैं।

पद से हटाए जाने के कुछ दिनों बाद परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर दावा किया कि देशमुख ने सचिन वजे और अन्य पुलिस अधिकारियों से हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूलने के लिए कहा था। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने इस मुद्दे पर सीधी टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी को चिंता है, क्योंकि मंत्री इस पार्टी से हैं। सिंघवी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के खिलाफ भाजपा पर पाखंड और भ्रष्टाचार के आरोपों का मुद्दा उठाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि हम चाहते हैं कि येदियुरप्पा तुरंत इस्तीफा दें।

देशमुख ने अपने खिलाफ आरोपों को सिरे से खारिज दिया। इसे पहले, परमबीर सिंह के दावों पर सवाल उठाते हुए एनसीपी ने कहा कि फरवरी में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद देशमुख अस्पताल में थे। बीमार रहने के दौरान दो बार सांवत ने ऑनलाइन बातचीत की थी। अगर परमबीर सिंह के आरोपों को सच मानकर विश्वास किया जाए तो उन्होंने मार्च तक इंतजार क्यों किया और मामले को उठाने के लिए ट्रांसफर होने का इंतजार क्यों किया।

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