Parliament Attack 2001: पीएम मोदी ने शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की, पढ़ें संसद हमले की पूरी कहानी

संसद हमला 2001 (Parliament Attack 2001): संसद हमले की आज 20वीं बरसी मनाई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2001 के संसद हमले की बरसी पर शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। पीएम नरेंद्र मोदी (Pm Narendra Modi) ने आज सुबह अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा कि मैं उन सभी सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जो 2001 में संसद हमले के दौरान कर्तव्य के दौरान शहीद हुए थे। राष्ट्र के लिए उनकी सेवा और सर्वोच्च बलिदान हर नागरिक को प्रेरित करता है। बता दें कि पीएम मोदी के अलावा कई नेताओं ने शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की है।
I pay my tributes to all those security personnel who were martyred in the line of duty during the Parliament attack in 2001. Their service to the nation and supreme sacrifice continues to inspire every citizen.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 13, 2021
संसद हमले की पूरी कहानी
* जानकारी के लिए आपको बता दें कि साल 2001 में 13 दिसंबर को सुबह करीब 11:30 बजे दिल्ली में संसद परिसर में सुरक्षा में सेंध मारकर आतंकवादियों ने प्रवेश किया था। रिपोर्ट के अनुसार, एक सफेद रंग की एंबेसडर कार में बैठे आतंकवादियों ने संसद परिसर में प्रवेश किया था। कार पर नकली वीआईपी कार्ड और एक लाल बीकन होने से सुरक्षा में एंट्री की थी। उनके पास हथियार भी थे।
* बताया जा रहा है कि संसद की कार्यवाही स्थगित होने के लगभग 40 मिनट के आतंकवादियों ने परिसर में प्रवेश किया था। कार्यवाही स्थगित के बाद तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और विपक्ष की नेता सोनिया गांधी संसद भवन से बाहर जा चुके थे। गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत अन्य 100 सांसद संसद भवन के भीतर मौजूद थे। इसी दौरान संसद परिसर में घुसे आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच भारी फायरिंग हुई। सुरक्षाबलों ने 5 आतंकियों को मार दिया था। इस हमले में दिल्ली के 5 पुलिसकर्मी, एक संसद सुरक्षा गार्ड और एक माली की मौत हो गई थी और लगभग 22 लोग घायल भी हुए थे।
* आतंकवादियों में से एक के पास गोला-बारूद था। इस हमले से सभी मंत्री और सांसद नाखुश थे। पाकिस्तान से आए आतंकियों का इरादा शायद इमारत में घुसने और सांसदों और मंत्रियों की भीड़ पर अंधाधुंध फायरिंग करने का था। आतंकियों के घुसने से परिसर में खराब सुरक्षा भी उजागर हो गई। इस आयोजन ने सरकार को परिसर में सुरक्षा के लिए करोड़ों खर्च करने पर मजबूर किया और इसके बाद अब संसद भवन में घुसने के प्रोटोकोल पूरी तरह से बदल गए हैं।
* इस हमले के बाद जांच में कई नाम सामने आए जिसम अफजल गुरु, एसएआर गिलानी, शौकत हुसैन और नवजोत संधू थे। संधू को केवल 1 आरोप के लिए दोषी ठहराया गया। अन्य सभी तीनों को ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। गिलानी को बाद में बरी कर दिया गया, जबकि हुसैन की सजा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
* आतंकवादी अफ़ज़ल गुरु को 9 फरवरी 2013 को उसकी पत्नी द्वारा दायर एक दया याचिका खारिज होने के बाद फांसी की सजा दी गई थी। कहते हैं कि इस घटना ने भारत और पाकिस्तान के संबंधों को और खराब कर दिया और दोनों देशों ने सैन्य कर्मियों और सीमाओं की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया। साथ ही अलर्ट जारी कर दिया गया।
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