मानसून सत्र में पूर्व सांसद नहीं जा सकेंगे सेंट्रल हॉल, कोरोना वायरस के चलते कड़े किए नियम

मानसून सत्र में पूर्व सांसद नहीं जा सकेंगे सेंट्रल हॉल, कोरोना वायरस के चलते कड़े किए नियम
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पूर्को्रोना संक्रमण काल में संसद का मॉनसून सत्र आराम से बीते इस जद्दोजहद में संसदीय सचिवालय जोरशोर से जुटा है। उम्मीद की जा रही है कि इस महीने के आखिरी सप्ताह या सितंबर के पहले सप्ताह से मॉनसून सत्र की शुरूआत होगी।

पूर्को्रोना संक्रमण काल में संसद का मॉनसून सत्र आराम से बीते इस जद्दोजहद में संसदीय सचिवालय जोरशोर से जुटा है। उम्मीद की जा रही है कि इस महीने के आखिरी सप्ताह या सितंबर के पहले सप्ताह से मॉनसून सत्र की शुरूआत होगी। संसदीय कार्यवाही कवर करने वाले पत्रकार हों या फिर सांसद, पूर्व सांसद सभी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नियमों को सख्त किया जा रहा है।

ये तय है कि मॉनसून सत्र में गिनती के पत्रकार ही कवर करते हुए दिखेंगे। सेशनल और टेंपरेरी मीडिया पासधारकों को मॉनसून सत्र कवर करने की इजाजत नहीं होगी। स्थाई पास जिनके पास होंगे उन्हें एक-एक घंटे कवर करने की इजाजत होगी। सोशल डिस्टेंसिंग के नियम लागू होने के कारण मीडिया गैलरी में 76 पत्रकारों की जगह केवल 15 पत्रकार ही बैठ पाएंगे, सो बारी-बारी से मौका दिया जाएगा।

पूर्व सांसद और पत्रकारों को सेंट्रल हॉल जाने की इजाजत नहीं होगी। कॉरीडोर में टहलने की इजाजत न सांसदों को होगी न पत्रकारों या अन्य स्टाफ को। सांसदों को अपना संसदीय काम निपटा कर रुकना है तो संबंधित पार्टी कार्यालय में बैठना होगा। विधायी कार्य में हिस्सा लेने के बाद सांसद घर जा सकेंगे।

इस संबंध में हुई वर्चुल बैठक

मंगलवार को इस संबंध में वर्चुअल बैठक हुई। सूत्रों ने बताय कि बैठक का प्रारूप तय करने के बाद एक और बैठक कर अंतिम रूप दिया जाएगा। राज्यसभा के सभापित वेंकैया नायडू और लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला के बीच कई दौर की बैठकों के बाद अब संसदीय सचिवालय तय फार्मूले को लागू करने में जुट गया है। लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठाने का इंतजाम हो गया है। गैलरी और सेंट्रल हॉल का उपयोग भी संसदीय सत्र के संचालन के वक्त किया जा सकता है।

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