Parliament Monsoon Session: विपक्षी सांसदों का सदन में हंगामा, लोकसभा 31 जुलाई तक स्थगित

Parliament Monsoon Session: विपक्षी सांसदों का सदन में हंगामा, लोकसभा 31 जुलाई तक स्थगित
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Parliament Monsoon Session Live: 20 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ था। विपक्षी पार्टियों के हंगामे के चलते बार-बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ रही है। हालांकि, बीते गुरुवार को सरकार ने राज्यसभा में सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया। वहीं, वाईएसआरसीपी संसद में मोदी सरकार का समर्थन करेगी और अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट करेगी। यहां पढ़ें संसद की कार्यवाही से जुड़ी तमाम बड़ी और लेटेस्ट अपडेट्स...

Parliament Monsoon Session Updates: विपक्ष द्वारा मणिपुर मुद्दे पर इंडिया-इंडिया के नारे लगाने और एनडीए गठबंधन के सांसदों के द्वारा मोदी-मोदी के नारे लगाने के साथ ही बीते गुरुवार को दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित हो गई। दोनों सदन की कार्यवाही आज फिर से शुरू होगी। सदनों के स्थगित होने से पहले राज्यसभा में सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया गया। वहीं, संयुक्त समिति की रिपोर्ट के आधार पर लोकसभा ने जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया। विपक्षी दल के सदस्य मणिपुर हिंसा मुद्दे पर अपने पहले के रवैये पर बरकरार है। उनका कहना है कि मणिपुर के मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी सदन के भीतर आकर बयान दें। बीते गुरुवार को विपक्षी दलों के सांसदों ने सदन में काले कपड़े पहनकर विरोध दर्ज कराया।

Parliament Monsoon Session Updates:

चिराग पासवान ने विपक्ष के हंगामे पर दी प्रतिक्रिया

एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि संसद की कार्यवाही शुरू हुए 7-8 दिन हो गए हैं, अगर अब तक एक भी दौर की चर्चा हो गई होती तो हम किसी नतीजे पर पहुंच गए होते। अगर तब आपको सरकार का जवाब संतोषजनक नहीं लगता है, आप कह सकते थे कि हमें पीएम से जवाब चाहिए और आप जितना चाहें उतना हंगामा कर सकते थे।


लोकसभा की कार्यवाही स्थगित

मणिपुर मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने हंगामा कर दिया है। इसके साथ ही, लोकसभा की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया है।

प्रह्लाद जोशी बोले- सरकार चर्चा को तैयार

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विपक्षी पार्टियां शांति से चर्चा में भाग नहीं लेते और संसद में किसी भी विधेयक को पारित करने में सहयोग नहीं करते है। उन्होंने कहा कि हम उनसे रचनात्मक रूप से सभी सुझाव लेने के लिए परोक्ष रूप से तैयार हैं, लेकिन वे अचानक से अविश्वास प्रस्ताव ले आए। प्रह्लाद जोशी ने कहा कि जब भी जरूरत होगी हम अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे और हमारे पास संख्याबल भी मौजूद है, इसलिए हमें कोई समस्या नहीं है। अगर वे चाहते हैं कि मणिपुर के संबंध में सच्चाई सामने आए, तो संसद से बेहतर कोई मंच नहीं होगा।

आप सांसद राघव चड्ढा ने दी प्रतिक्रिया

आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार किए जाने के बाद संसद में कोई विधेयक पेश नहीं किया जाता है, लेकिन हम देख रहे हैं कि कई विधेयक संसद में पेश और पारित किए जा रहे हैं। मैं अध्यक्ष से अपील करता हूं कि अब लोकसभा में कोई विधायी कार्य नहीं होना चाहिए। साथ ही, आप सांसद ने कहा कि आई.एन.डी.आई.ए. का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर के लोगों को समर्थन प्रदान करने और उनके साथ एकजुटता से खड़े होने की आशा के साथ मणिपुर का दौरा करेगा। मणिपुर वायरल वीडियो मामले को 85 दिनों के बाद सीबीआई को सौंपने के लिए बहुत ही ज्यादा देर हो चुकी है।

हरभजन सिंह बोले- हंगामा मेरी समझ से परे

यह मेरी समझ से परे है और आश्चर्य की बात है कि दोनों सदनों में लगातार अशांति के बीच संसद अब तक कई मुद्दों पर विचार-विमर्श करने में विफल रही है, क्रिकेटर से नेता बने हरभजन सिंह ने हाई-टेंशन ड्रामा के बीच कहा कि गुरुवार को सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों दलों द्वारा केंद्रीय विधायिका के अंदर हंगामा किया गया।

वाईएसआरसीपी करेगी मोदी सरकार का समर्थन

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने संसद में नरेंद्र मोदी सरकार का समर्थन करने और विपक्षी गुट इंडिया द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने का फैसला किया है। 26 दलों के विपक्षी गठबंधन ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश कर प्रधानमंत्री से सदन के अंदर मणिपुर की स्थिति पर बोलने की मांग की है। हालांकि नोटिस स्वीकार कर लिया गया है, लेकिन तारीख पर अभी तक कोई विचार नहीं किया गया है।

पीएमजीएसवाई के तहत सड़कों की गुणवत्ता से समझौता 'पूरी तरह से अस्वीकार्य'

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई कई सड़कों की खराब गुणवत्ता को बताते हुए एक संसदीय पैनल ने कहा है कि इस तरह का समझौता पूरी तरह से अस्वीकार्य है और उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सुझाव दिया कि योजना के तहत सड़कों की मोटाई मौजूदा 20 मिमी से बढ़ाकर 30 मिमी की जानी चाहिए। गुरुवार को लोकसभा में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में, ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग से संबंधित स्थायी समिति ने भी योजना को ठीक से लागू करने के लिए बेहतर केंद्र-राज्य सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।

संसदीय पैनल का एनएमएमएस ऐप के उपयोग की समीक्षा का आग्रह

एक संसदीय समिति ने गुरुवार को सरकार से मजदूरों के सामने आने वाली कठिनाइयों के मद्देनजर मनरेगा में उपस्थिति दर्ज करने के लिए राष्ट्रीय मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (एनएमएमएस) ऐप के उपयोग की समीक्षा करने का आग्रह किया। इसने सरकार से मुद्दों का पता लगाने के बाद जल्द से जल्द एक प्रावधान लाने को कहा है।

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