Parliament Monsoon Session: विपक्ष के हंगामे से राजनाथ सिंह आग बबूला, सभापति से ली पीछे बैठने की इजाजत

Parliament Monsoon Session: विपक्ष के हंगामे से राजनाथ सिंह आग बबूला, सभापति से ली पीछे बैठने की इजाजत
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Parliament Monsoon Session: विपक्ष के हंगामे से गुस्साए राजनाथ सिंह ने आगे की कुर्सी छोड़ दी और सभापति से पीछे बैठने की इजाजत मांगी। जानें इसको लेकर सभापति ने क्या कहा।

Parliament Monsoon Session: मणिपुर हिंसा मामले को लेकर विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा है। हर दिन संसद की कार्यवाही के दौरान विपक्ष हंगामा करता है, इसके कारण से लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ रही है। इस कड़ी में आज यानी शुक्रवार को विपक्ष के हंगामे से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नाराज हो गए। राजनाथ सिंह को आम तौर पर सदन में शांत रहते हुए देखा जाता है, लेकिन आज हंगामे से परेशान होकर उन्होंने सभापति से इजाजत लेकर आगे की कुर्सी छोड़ दी और पीछे की सीट पर बैठने चले गए। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में मैं यहां नहीं बोल सकता हूं।

ये अच्छी स्थिति नहीं है- उपसभापति

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रक्षा मंत्री को टर सर्विसेज ऑर्गेनाइजेशन कमांड एंड कंट्रोल एंड डिसिप्लिन बिल 2023 पेश करना था, लेकिन विपक्षी सांसदों के हंगामे के कारण वे नाराज हो गए। विपक्षी दल के नेता वेल में आकर हंगामा करने लगे थे। इसके बाद राजनाथ सिंह ने सभापति से कहा कि महोदय हमारे सामने ही शोर शराबा हो रहा है, अगर आप इजाजत दें तो मैं पीछे जाकर अपनी बात कहना चाहूंगा। ऐसी स्थिति में मेरे लिए विचार रखना संभव नहीं है। इसके बाद उपसभापति राजेंद्र अग्रवाल ने उन्हें पीछे जाकर बोलने की इजाजत दे दी। इसके साथ ही उपसभापति ने विपक्ष से कहा कि ये अच्छी स्थिति नहीं है कि हंगामे के कारण रक्षा मंत्री को पीछे जाकर बोलना पड़ रहा है।

पीछे जाकर बोलने लगे राजनाथ

बता दें कि जब रक्षा मंत्री पीछे जा रहे थे, तो पीछे बैठे सत्ता पक्ष के कई सांसद उन्हें अपनी सीट ऑफर करने लगे, लेकिन रक्षा मंत्री पीछे जाकर बोलना शुरू किया। रक्षा मंत्री ने इंटर सर्विसेज ऑर्गेनाइजेशन कमांड एंड कंट्रोल एंड डिसिप्लिन बिल 2023 सदन में पेश करते हुए कहा कि हमारी सरकार नए रिफॉर्म के माध्यम से राष्ट्र को सशक्त बनाने की कोशिश कर रही है। पुराने कई कानूनों को समाप्त किया गया है। लोकसभा में पेश यह बिल काफी अहम है। यह बिल दो अहम मकसदों को एक साथ पूरा करेगा। यह बिल भारतीय सेना के तीनों बलों के बीच इंटिग्रेशन की ओर बढ़ाया गया एक और मजबूत कदम है। इससे सेना आने वाले चुनौतियों का सही तरीके से मुकाबला कर सकेंगे। उन्होंने आगे कहा कि अनुशासन सेना की आत्मा होती है। यह आत्मविश्वास को बढ़ाने का काम करता है। यह बिल किसी भी कमान में अनुशासन बनाए रखने के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

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