MPs Suspended: लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी 45 विपक्षी सांसदों पर एक्शन, शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित, देखें लिस्ट

MPs Suspended: पिछले हफ्ते संसद में बड़े पैमाने पर सुरक्षा चूक के बाद सदन में विरोध प्रदर्शन करने और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग करने के लिए 33 से अधिक विपक्षी सांसदों को सोमवार को शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए लोकसभा से निलंबित कर दिया। इसके साथ ही, राज्यसभा से 45 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। संसद के दोनों सदनों से आज 78 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। निलंबित सांसदों में कांग्रेस के जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला और केसी वेणुगोपाल शामिल हैं। घोषणा के बाद राज्यसभा 19 दिसंबर सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा से भी 33 सांसद निलंबित
सदन में हंगामा करने के आरोप में 33 विपक्षी सांसदों को शीतकालीन सत्र की बची हुई अवधि के लिए लोकसभा से निलंबित कर दिया गया। निलंबित सांसदों में अधीर रंजन चौधरी, टीआर बालू और दया निधि मारन शामिल हैं। इन सांसदों के निलंबन का प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सदन में पेश किया। 13 दिसंबर को संसद सुरक्षा उल्लंघन के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के लगातार विरोध के बीच लोकसभा को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया।
केसी वेणुगोपाल बोले- विपक्षी का आवाज दबा रहे
शीतकालीन सत्र के शेष भाग के लिए राज्यसभा से खुद और कई विपक्षी सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सदन केवल एक ही उद्देश्य से चल रहा है, जो कि पूरी आवाज को दबाना है। विपक्ष और अधिकतम लोगों को निलंबित करने के लिए, जो लोगों और सुरक्षा के मुद्दे उठा रहे हैं। अब संसद विपक्षी सांसदों के निलंबन के लिए है, बहस और चर्चा के लिए नहीं।
संसद की सुरक्षा में सेंध का विरोध
सत्र शुरू होने के बाद विपक्षी सांसद संसद की सुरक्षा में सेंध का विरोध कर रहे थे। कई सांसद तख्तियां लेकर विरोध करने पहुंचे। इन सभी सांसदों को सदन की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है। लोकसभा सांसद अब्दुल खालिक, विजय वसंत और के जयकुमार के निलंबन का मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है। विपक्षी सांसद इस बात पर अड़े हैं कि देश के गृह मंत्री अमित शाह को संसद की सुरक्षा में सेंध को लेकर सदन में बयान देना चाहिए।
राजीव गांधी के समय में भी 63 सांसद हुए थे निलंबित
जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब 63 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। 400 से अधिक सांसदों के साथ, कांग्रेस सरकार को तब प्रचंड बहुमत प्राप्त था, ठीक उसी प्रकार जैसे अब भाजपा को मिला हुआ है। 15 मार्च, 1989 को दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या पर जस्टिस ठक्कर जांच आयोग के पटल पर रखे जाने पर लोकसभा में हंगामा हुआ। इसके चलते एक बार में 63 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जनता समूह (सैयद शहाबुद्दीन) से संबंधित एक विपक्षी सदस्य, जिसे निलंबित नहीं किया गया था, ने कहा कि उसे भी निलंबित माना जाए और वह सदन से बाहर चला गया। तीन अन्य सदस्य (जीएम बनतवाला, एमएस गिल और शमिंदर सिंह) भी विरोध में बाहर चले गए।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS