संसद सत्र: लोकसभा में भारी हंगामे के बीच पास हुआ 'चुनाव सुधार बिल', जानें क्या है ये बदलाव

संसद सत्र: लोकसभा में भारी हंगामे के बीच पास हुआ चुनाव सुधार बिल, जानें क्या है ये बदलाव
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शीतकालीन सत्र (winter session of parliament) के दौरान सोमवार को विपक्ष के भारी हंगामे के बीच लोकसभा में 'चुनाव सुधार बिल' (Election Reform Bill) पेश किया गया।

संसद के शीतकालीन सत्र (winter session of parliament) के दौरान सोमवार को विपक्ष के भारी हंगामे के बीच लोकसभा में 'चुनाव सुधार बिल' (Election Reform Bill) पेश किया गया। इस बिल का टीएमसी (TMC) ने खुला समर्थन किया है। वहीं दूसरी तरफ असदुद्दीन ओवैसी ने वोटर आईडी से जोड़ने की सरकार की इस योजना का विरोध किया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच चुनावी सुधार बिल पास हो गया है। सबसे खास बात यह है कि टीएमसी ने इसका समर्थन किया। ओवैसी ने इस बिल का विरोध करते हुए लोकसभा सचिवालय को भेजे अपने नोटिस में कहा है कि यह सदन व्यक्ति के मौलिक अधिकारों में दखल नहीं दे सकता।

विपक्ष ने कहा कि ये निजता का उल्लंघन होगा। हालांकि कांग्रेस, बसपा और आम आदमी पार्टी ने0 बिल का विरोध किया है। जबकि सरकार का कहना है कि अग वोटर कार्ड आधार से जुड़ेगा तो फर्जीवाड़ा रुकेगा। जबकि राज्यसभा में सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

चुनावी सुधार विधेयक से क्या बदलेगा

इसी साल मार्च में सरकार ने लोकसभा में जानकारी देते हुए बताया था कि चुनाव आयोग ने आधार प्रणाली को मतदाता सूची से जोड़ने का प्रस्ताव दिया है, ताकि कोई व्यक्ति अलग-अलग से कई बार पंजीकरण न करा सके। दूसरा परिवर्तन चुनाव कानून में सैन्य मतदाताओं की समानता के बारे में है। अब इसे जेंडर न्यूट्रल बनाया जा रहा है। वर्तमान कानून के तहत एक सैनिक की पत्नी सैन्य मतदाता के रूप में पंजीकरण के लिए पात्र है। सैन्य मतदाताओं को पोस्टल बैलेट के माध्यम से वोट देने की सुविधा दी जाती है और मौजूदा कानून के कारण महिला सैनिकों के पति इस सुविधा का लाभ नहीं उठा पाते हैं और अपना वोट नहीं डाल पाते हैं।

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