पुरानी संसद में PM Modi का आखिरी भाषण, इसके इतिहास का जिक्र कर हुए भावुक, कहा- मैंने कभी सोचा नहीं था...

पुरानी संसद में PM Modi का आखिरी भाषण, इसके इतिहास का जिक्र कर हुए भावुक, कहा- मैंने कभी सोचा नहीं था...
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Parliament Special Session: संसद के विशेष सत्र की आज शुरुआत हुई है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के भाषण के बाद पीएम मोदी ने पुराने संसद भवन में संबोधित किया। इस दौरान पीएम पुराने संसद के इतिहास और संसद में लिए गए ऐतिहासिक फैसले का जिक्र कर भावुक हो गए। पढ़िए पूरी खबर...

Parliament Special Session: संसद के विशेष सत्र की आज यानी की सोमवार से शुरुआत हो चुकी है। यह विशेष सत्र पांच दिनों तक चलेगा। संसद के विशेष सत्र में 8 विधेयक पर चर्चा होनी है, जिसमें से चार का खुलासा सरकार ने कर दिया है। बाकी चार विधेयकों को पर अभी सस्पेंस बना हुआ है। विशेष सत्र के शुरुआत में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने संबोधित किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद को संबोधित करते हुए पुराने संसद के इतिहास, संसद में हुए संविधान सभा की बैठक और संसद पर हुए आतंकी हमले सहित अन्य कई मुद्दों का जिक्र किया।

पुराने संसद के इतिहास को किया याद

संसद के विशेष सत्र में संबोधन देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की 75 वर्षों की संसदीय यात्रा इसका एक बार पुनः स्मरण करने के लिए और नए सदन में जाने से पहले उन प्रेरक पलों को, इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ी को स्मरण करते हुए आगे बढ़ने का यह अवसर है। हम सब इस ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देश आजाद नहीं हुआ था उस समय यह सदन इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल नाम से जाना जाता था, लेकिन देश जब आजाद हुआ तो यह संसद भवन के रूप में जाना जाने लगा। पीएम ने कहा कि यह बात सही है कि इस इमारत के निर्माण करने का निर्णय विदेश शासकों का था, लेकिन हम गर्व से कह सकते हैं इस भवन के निर्माण में पसीना मेरे देशवासियों का लगा था, परिश्रम मेरे देशवासियों का लगा था और पैसे भी मेरे देश के लोगों के थे।

पुराने संसद में 75 साल की यात्रा

पीएम मोदी ने कहा कि 75 वर्ष की हमारी यात्रा ने अनेक लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रक्रियाओं का उत्तम से उत्तम सृजन किया है। इस सदन में रहे प्रत्येक व्यक्ति ने सक्रियता से योगदान भी दिया है और साक्षी भाव से उसे देखा भी है। पीएम ने आगे कहा कि हम भले नए भवन में जाएंगे, लेकिन पुराना भवन यानी यह भवन भी आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। इस सदन से विदाई लेना एक बेहद भावुक पल है। परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर जाता है, तो बहुत सारी यादें उसे कुछ पल के लिए झकझोर देती है और हम यह सदन को छोड़कर जा रहे हैं, तो हमारा मन-मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है और अनेक यादों से भरा हुआ है। उत्सव-उमंग, खट्टे-मीठे पल, नोक-झोंक इन यादों के साथ जुड़ा है।

भावुक हुए पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगे कहा कि जब मैं पहली बार जब संसद का सदस्य बना और पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में प्रवेश किया, तो सहज रूप से इस सदन के द्वार पर अपना शीश झुकाकर अपना पहला कदम रखा था। वह पल मेरे लिए भावनाओं से भरा हुआ था। मैं कभी सोच भी नहीं सकता था कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर रहने वाला एक गरीब परिवार का बच्चा कभी संसद में प्रवेश कर पाएगा। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे लोगों से इतना प्यार मिलेगा।

संविधान सभा की बैठक का किया जिक्र

पीएम मोदी ने संविधान सभा का जिक्र करते हुए कहा कि इसी संसद भवन में दो साल 11 महीने तक संविधान सभा की बैठकें हुई थीं और देश के लिए एक मार्ग दर्शक जो आज भी हमें चलाते हैं, उन्होंने देश को संविधान दिया। जब से देश में हमारा संविधान लागू हुआ, तब से इन 75 वर्षों में सबसे बड़ी उपलब्धि देश के सामान्य मानवीय का इस संसद पर विश्वास बढ़ता रहा है।

संसद पर आतंकी हमले पर बोले पीएम

संसद भवन पर हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब संसद भवन पर आतंकी हमला हुआ था। तब यह आतंकी हमला किसी इमारत पर नहीं, बल्कि एक प्रकार से लोकतंत्र की जननी, हमारी जीवित आत्मा पर हमला था। उस घटना को देश कभी नहीं भूल सकता। उन्होंने कहा कि संसद पर आतंकी हमले के दौरान सदस्यों और संसद की रक्षा करते हुए सीने पर गोलियां खाईं उन्हें मैं नमन करता हूं।

पुराने संसद में लिए गए ऐतिहासिक फैसले को किया याद

पीएम ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और EWS आरक्षण का जिक्र करते हुए कहा कि अनेक ऐतिहासिक निर्णय और दर्शकों से लंबित विषय का स्थाई समाधान भी इसी सदन में हुआ। अनुच्छेद 370 भी इसी सदन में हुआ। वन रैंक वन पेंशन, वन नेशन वन टैक्स, GST का निर्णय, गरीबों के लिए 10% आरक्षण भी इसी सदन में हुआ।

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