Rajya Sabha MPs suspended: प्रियंका चतुर्वेदी समेत ये 12 सांसद हुए राज्यसभा से सस्पेंड, जानें क्या है पूरा मामला

संसद का शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) जारी है। इस बीच सोमवार को राज्यसभा (RajyaSabha) में विपक्षी दलों के सांसदों पर बड़ी कार्रवाई की है। संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र से विपक्षी दलों के 12 सांसदों को निलंबित (rajya sabha 12 mps from opposition suspended) कर दिया गया है। जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उसमें शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और तृणमूल सांसद डोला सेन समेत 12 मौजूदा सदस्य हैं, जिन्हें पूरे सत्र से निलंबित कर दिया है। सदन के मानसून सत्र में अनुशासनहीनता के आरोप के चलते यह कार्रवाई की गई है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों से कृषि कानूनों की वापसी के बिल को पास कर दिया गया है।
नियमों का उल्लंघन, सदन की कार्यवाही
मीडिाय रिपोर्ट के मुताबिक, प्रियंका चतुर्वेदी और डोला सेन, सीपीएम नेता इलामाराम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, आर बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह, भाकपा के बिनॉय विश्वम का नाम इस लिस्ट में शामिल है। विपक्ष ने कहा कि 12 सांसदों का निलंबन नियमों के खिलाफ है क्योंकि नियम 256 के तहत सदस्य को सत्र के बाकी समय के लिए निलंबित कर दिया जाता है। अब इन सभी सांसदों का निलंबन पूरे सत्र तक रहेगा।
Leaders of Oppn parties unitedly condemn the unwarranted & undemocratic suspension of 12 MPs...Floor leaders of Oppn parties of RS will meet tomorrow to deliberate on future course of action to resist authoritarian decision of Govt & defend Parliamentary democracy:Joint Statement pic.twitter.com/NuvrMsQVDE
— ANI (@ANI) November 29, 2021
ये है निलंबित सांसदों की सूची
1. इलामाराम करीम (सीपीएम)
2. फूलो देवी नेताम (कांग्रेस)
3. छाया वर्मा (कांग्रेस)
4. रिपुन बोरा (कांग्रेस)
5. बिनॉय विश्वम (सीपीआई)
6. राजमणि पटेल (कांग्रेस)
7. डोला सेन (टीएमसी)
8. शांता छेत्री (टीएमसी)
9. सैयद नासिर हुसैन (कांग्रेस)
10. प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना)
11. अनिल देसाई (शिवसेना)
12. अखिलेश प्रसाद सिंह (कांग्रेस)
जबकि वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने विपक्षी दलों के सांसदों पर हुई कार्रवाई का स्वागत किया है। राज्यसभा से 12 सांसदों के निलंबित होने पर सांसद सुशील मोदी ने कहा कि इससे पिछले सत्र के अंतिम दिन विपक्ष दलों के सांसदों ने हंगामा किया था। मैंने अपने संसदीय जीवन में इस प्रकार की अराजकता नहीं देखी। ये स्वागत योग्य कदम है, जो भी सदन की नियमों को तोड़ेगा उसपर कार्रवाई होना उचित है, उनको संदेश देना जरूरी है।
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