PFI बैन लगने के बाद आगे क्या करेगा, महाराष्ट्र ATS प्रमुख ने किया चौंकाने वाला खुलासा

केंद्र सरकार की ओर से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) और उसके आठ सहयोगी संगठनों पर पांच साल के लिए बैन लगाए जाने के बाद से देशभर में खुशियां मनाई जा रही हैं। हालांकि कुछ दल ऐसे भी हैं, जो कि इस कार्यवाही से नाखुश नजर आ रहे हैं। बहरहाल, सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर बैन होने के बाद अब पीएफआई (PFI) और उसके सहयोगी संगठनों से जुड़े लोग आगे क्या करेंगे। इस सवाल का जवाब महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख विनीत अग्रवाल ने दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख विनीत अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पीएफआई पर बैन लगाने से पहले छापामारी की गई। बैन लगाने के बाद यह संगठन भंग कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब इस संगठन से जुड़े लोग इकट्ठा होने या किसी प्रकार का विरोध नहीं कर पाएंगे। इन लोगों को केवल कानूनी मंच को छोड़कर पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों के बैनर तले किसी भी अन्य मंच पर इकट्ठा होने के चलते कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने आगे कहा कि पीएफआई ने लोगों को घृणा अपराध करने के लिए प्रेरित किया। उनकी साजिश थी कि भारत देश को 2047 तक इस्लामिक देश बनाया जाए। लक्ष्य की पहचान करना और मारना ही उनका काम था। हम इस साजिश में संलिप्त लोगों का पता लगाने के लिए उपकरणों की मदद से उनके डेटा को पुनर्प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। हम उनके खातों को भी फ्रीज कर रहे हैं।
मोडस ऑपरेंडी का किया खुलासा
एटीएस प्रमुख विनीत अग्रवाल ने घृणित अपराध करने वालों की मोडस ऑपरेंडी का भी खुलासा किया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग खुद को सामाजिक विकास और शारीरिक शिक्षा से जुड़े व्यक्तियों के रूप में स्वयं को चित्रित करते थे और लोगों को इकट्ठा करते थे। साथ ही लोगों को उकसाते थे। उकसाने के दौरान लोगों को बताते थे कि अपनी आत्मरक्षा के लिए अपनी छतों पर ईंटें, नुकीली चीजीं आदि हथियार रखें ताकि उन्हें पकड़ा न जा सके। उन्होंने कहा कि यह बड़ी साजिश थी और इससे जुड़े कई लोगों की गिरफतारी होना तय है।
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