पीएम मोदी के 8 संकल्प, पूर्ण होने पर जीत होगी सार्थक

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आम चुनाव 2019 में प्रचंड बहुमत मिलने से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व व बनने वाली सरकार की जिम्मेदारी बढ़ जाती है और उन पर जनता की आकांक्षाओं पर खरा उतरने की चुनौती होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवनिर्वाचित राजग सांसदों से संवाद के दौरान उन्हें उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराया, अपनी नई सरकार के एजेंडे को सामने रखा और अपने सहयोगी नेताओं को संजीदा रहने की नसीहतें भी दीं।

आम चुनाव 2019 में प्रचंड बहुमत मिलने से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व व बनने वाली सरकार की जिम्मेदारी बढ़ जाती है और उन पर जनता की आकांक्षाओं पर खरा उतरने की चुनौती होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवनिर्वाचित राजग सांसदों से संवाद के दौरान उन्हें उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराया, अपनी नई सरकार के एजेंडे को सामने रखा और अपने सहयोगी नेताओं को संजीदा रहने की नसीहतें भी दीं।

संसद के केंद्रीय कक्ष में मोदी के संबोधन में संदेश साफ था कि उन्हें पता है कि आवाम ने जो दिल खोल कर बहुमत दिया है, उसके मायने क्या हैं? गरीबों के जीवन स्तर में सुधार लाना, सभी के लिए बेहतर काम करना, स्वच्छ प्रशासन देना, जनाकांक्षाओं व वादों को पूरा करना, सबका विश्वास जीतना, रोजगार के नए अवसर पैदा करना और खुशहाल राष्ट्र का निर्माण करना, यही मायने हैं।

यह आसान नहीं है लेकिन संकल्पित सरकार जरूर ऐसा कर सकती है। दूसरी बार सत्ता में आने के बाद मोदी और उनकी टीम का विश्वास बढ़ा है और उनकी संकल्प शक्ति बढ़ी है। वे चाहते हैं कि देश विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़े और इसके लिए वे गंभीर दिख रहे हैं। तभी उन्होंने कहा कि देश को गरीबी से मुक्त करना है। अभी 2014 से मोदी सरकार की तमाम योजनाएं गरीबी उन्मूलन को केंद्र में रखकर ही चली हैं।


उनकी नई सरकार का एजेंडा भी सबको साथ लेकर चलना है व गरीबी दूर करने का है। नई सरकार सबका साथ, सबका विकास व सबका विश्वास की थीम पर काम करना चाहती है। दरअसल, भाजपा व मोदी अपनी दूसरी पारी में अल्पसंख्यकों का भरोसा जीतना चाहते हैं। तीन तलाक पर ऐतिहासिक फैसले के बावजूद अल्पसंख्यकों में भाजपा की स्वीकार्यता नहीं बढ़ी है।

राजग सांसदों को स्पष्ट संदेश दिया गया कि वे विकास के एजेंडे पर फोकस करें, देश व अपने क्षेत्र के विकास के लिए काम करें और अखबार में छपास व टीवी पर दिखास की प्रवृत्ति से बचें। भाजपा के बड़बोले नेताओं को भी कड़ी नसीहतें दीं कि उनके विवादित बयानों से पार्टी व सरकार के लिए परेशानी बढ़ती है। उम्मीद है भाजपा के बयानवीर उनकी नसीहतों को गंभीरता से लेंगे और फिजूल की टिप्पणी कर नई सरकार के लिए कोई संकट खड़ा नहीं करेंगे।

मोदी ने 'कोई और नहीं, जनता हमें जिताती है' कह कर ईवीएम पर सवाल उठाने वालों को भी जवाब दिया है। देश के निर्माण में महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, डा. भीमराव आंबेडकर, सरदार बल्लभ भाई पटेल, राम मनोहर लोहिया, दीनदयाल उपाध्याय आदि महान नेताओं के योगदान का जिक्र कर मोदी ने राजग सांसदों को सभी विचारों का सम्मान करने की सीख दी।



नई सरकार को अपने संकल्प पत्र के वादे पूरे करने होंगे, पहले कार्यकाल में अधूरे पड़े प्रोजेक्ट पूरे करने होंगे, भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देनी होगी, उद्योग की सुस्ती दूर करनी होगी, कृषि क्षेत्र की दशा सुधारनी होगी, रोजगार सृजन पर जोर देना होगा। इसके अलावा लंबित पड़े पुलिस, प्रशासनिक व ज्यूडिशियल सुधार की दिशा में काम करना होगा। राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। कश्मीर में शांति व नक्सलवाद के खात्मे के लिए प्रयास करने होंगे।

सरकार के लिए चुनौतियां काफी हैं, देखना होगा कि मोदी की नई सरकार किन प्राथमिकताओं को तवज्जो देती है। बहरहाल, नरेंद्र मोदी की मंशा नेक लगती है कि वे देश को खुशहाल बनाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं और उनकी सरकार भारत को सामरिक, कूटनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक व राजनीतिक रूप से मजबूत राष्ट्र बनाने की दिशा में काम करना चाहती है।

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