पीएम नरेंद्र मोदी बोले- देश ने मिट्टी को जीवंत बनाए रखने के लिए निरंतर काम किया, इन 5 प्रमुख बातों पर किया फोकस

पीएम नरेंद्र मोदी बोले- देश ने मिट्टी को जीवंत बनाए रखने के लिए निरंतर काम किया, इन 5 प्रमुख बातों पर किया फोकस
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आज जब देश अपनी आजादी के 75वे वर्ष का पर्व मना रहा है, इस अमृतकाल में नए संकल्प ले रहा है। तो इस तरह के जन अभियान बहुत अहम हो जाते हैं।

विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज विज्ञान भवन (Vigyan Bhawan) में 'मिट्टी बचाओ आंदोलन' पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, आप सभी को, पूरे विश्व को, विश्व पर्यावरण दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं। सद्गुरु और ईशा फाउंडेशन भी आज बधाई के पात्र हैं। मार्च में उनकी संस्था ने मिट्टी बचाओ (Save Soil) अभियान की शुरुआत की थी। 27 देशों से होते हुए उनकी यात्रा आज 75वें दिन यहां पहुंची है।

आज जब देश अपनी आजादी के 75वे वर्ष का पर्व मना रहा है, इस अमृतकाल में नए संकल्प ले रहा है। तो इस तरह के जन अभियान बहुत अहम हो जाते हैं। मुझे संतोष है कि देश में पिछले 8 साल से जो योजनाएं चल रही है, सभी में किसी न किसी रूप से पर्यावरण संरक्षण का आग्रह है। स्वच्छ भारत मिशन हो या waste to wealth से जुड़े कार्यक्रम हो, अमृत मिशन के तहत शहरों में आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स का निर्माण हो, या सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति का अभियान या नमामि गंगे के तहत गंगा स्वच्छता का अभियान, पर्यावरण रक्षा के भारत के प्रयास बहुआयामी रहे हैं।

भारत ये प्रयास तब कर रहा है जब Climate Change में भारत की भूमिका न के बराबर है। विश्व के बड़े आधुनिक देश न केवल धरती के ज्यादा से ज्यादा संसाधनों का दोहन कर रहे हैं बल्कि सबसे ज्यादा carbon emission उन्ही के खाते में जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत ने CDRI और इंटरनेशनल सोलर अलायंस के निर्माण का नेतृत्व किया है। पिछले वर्ष भारत ने ये भी संकल्प लिया है कि भारत 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा।

देश ने मिटटी को जीवंत बनाए रखने के लिए निरंतर काम किया है। मिट्टी को बचाने के लिए हमने पांच प्रमुख बातों पर फोकस किया है। पहला- मिट्टी को केमिकल फ्री कैसे बनाएं। दूसरा- मिट्टी में जो जीव रहते हैं, जिन्हें तकनीकी भाषा में आप लोग Soil Organic Matter कहते हैं, उन्हें कैसे बचाएं। तीसरा- मिट्टी की नमी को कैसे बनाए रखें, उस तक जल की उपलब्धता कैसे बढ़ाएं। चौथा- भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो रहा है, उसे कैसे दूर करें। और पांचवा, वनों का दायरा कम होने से मिट्टी का जो लगातार क्षरण हो रहा है, उसे कैसे रोकें।

पहले हमारे देश के किसान के पास इस जानकारी का अभाव था कि उसकी मिट्टी किस प्रकार की है, उसकी मिट्टी में कौन सी कमी है, कितनी कमी है। इस समस्या को दूर करने के लिए देश में किसानों को soil health card देने का बहुत बड़ा अभियान चलाया गया। पूरे देश में 22 करोड़ से ज्यादा soil health card किसानों को दिए गए। सके साथ साथ देश में soil testing से जुड़ा एक बड़ा नेटवर्क भी तैयार हुआ है। आज देश के करोड़ो किसान soil health card से मिली जानकारी के आधार पर फर्टीलाइजर और माइक्रो न्यूट्रिशन का उपयोग कर रहे हैं।

इससे किसानों को लागत में 8 से 10% की बचत हुई है और उपज में 5 से 6% की बढ़ोतरी देखी गई है। मिट्टी को लाभ पहुंचाने में यूरिया की शत प्रतिशत नीम कोटिंग ने भी बहुत लाभ पहुंचाया है। माइक्रो इरीगेशन और अटल भू-योजना की वजह से देश के अनेक राज्यों में मिट्टी की सेहत भी संभल रही है। हम catch the rain जैसे अभियानों के माध्यम से जल संरक्षण से देश के जन-जन को जोड़ रहे हैं। इस साल मार्च में ही देश में 13 बड़ी नदियों के संरक्षण का अभियान भी शुरू हुआ है। इसमें पानी में प्रदूषण कम करने के साथ-साथ नदियों के किनारे वन लगाने का भी काम किया जा रहा है।

अनुमान है कि इससे भारत के forest cover में 7,400 स्क्वायर किमी से ज्यादा की बढ़ोतरी होगी। बीते 8 वर्षों में भारत ने अपना जो forest cover 20,000 स्क्वायर किमी से ज्यादा बढ़ाया है, उसमें ये और मदद करेगा। भारत आज Biodiversity और Wildlife से जुड़ी जिन नीतियों पर चल रहा है, उसने वन्य-जीवों की संख्या में भी रिकॉर्ड वृद्धि की है। आज चाहे Tiger हो, Lion हो, Leopard हो या फिर Elephant, सभी की संख्या देश में बढ़ रही है।

इस साल के बजट में हमने तय किया है कि गंगा के किनारे बसे गांवों में नैचुरल फार्मिंग को प्रोत्साहित करेंगे, नैचुरल फॉर्मिंग का एक विशाल कॉरिडोर बनाएंगे। इससे हमारे खेत तो कैमिकल फ्री होंगे ही, नमामि गंगे अभियान को भी नया बल मिलेगा। भारत 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर बंजर जमीन को रिस्टोर करने पर भी काम कर रहा है। पर्यावरण की रक्षा के लिए आज भारत नए innovations और pro environment technology पर लगातार जोर दे रहा है। हमने अपनी installed Power Generation capacity का 40% non-fossil-fuel based sources से हासिल करने का लक्ष्य तय किया था। ये लक्ष्य भारत ने तय समय से 9 साल पहले ही हासिल कर लिया है।

आज हमारी सोलर एनर्जी कैपेसिटी करीब 18 गुना बढ़ चुकी है। हाइड्रोजन मिशन हो या फिर सर्कुलर इकोनॉमी पॉलिसी का विषय हो, ये पर्यावरण रक्षा की हमारी प्रतिबध्दता का परिणाम है। अपने इन प्रयासों के बीच आज पर्यावरण दिवस के दिन भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की है। आज भारत ने पेट्रोल में 10% इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है। भारत इस लक्ष्य पर तय समय से 5 महीनें पहले पहुंच गया है।

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