ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और पीएम मोदी की हुई हाईलेवल बैठक, कई अहम समझौतों पर फैसला, यूक्रेन का भी हुआ जिक्र

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और पीएम मोदी की हुई हाईलेवल बैठक, कई अहम समझौतों पर फैसला, यूक्रेन का भी हुआ जिक्र
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दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में मुलाकात हुई। दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने अपने अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ हाईलेवल बैठक की।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (British PM Boris Johnson) और पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) के बीच दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में मुलाकात हुई। दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने अपने अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ हाईलेवल बैठक की। इसके बाद कई अहम समझौतों को लेकर हस्ताक्षर किए गए। बैठक के दौरान रूस यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र हुआ। बोरिस जॉनसन राष्ट्रपति भवन में गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

हैदराबाद हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमने पिछले सीओपी 26 के दौरान किए गए वादों को पूरा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। हम यूके को भारत के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं। हमने एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर जोर दिया है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि पिछले साल हम दोनों देशों ने एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी शुरू की थी। एफटीए पर काम चल रहा है। रक्षा क्षेत्र, व्यापार, जलवायु और ऊर्जा पर वार्ता हुई। मुक्त, खुले और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर भी बातचीत हो रही है।

पीसी के दौरान बोरिस जॉनसन ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को फ्री, खुला और नियम-आधारित रखने में साझा हित है। वायु, अंतरिक्ष और समुद्री खतरों से निपटने के लिए सहमति बनी है। स्थायी घरेलू ऊर्जा के लिए कदम उठाना जरूरी है। इस यात्रा ने हमारे संबंधों को गहरा किया है। आज हमारी शानदार बातचीत हुई और हमने अपने रिश्ते को हर तरह से मजबूत किया है।

आगे कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच साझेदारी हमारे समय की परिभाषित दोस्ती में से एक है। ब्रिटेन नौकरशाही को कम करने और रक्षा खरीद के लिए डिलीवरी के समय को कम करने के लिए एक भारत विशिष्ट खुला सामान्य निर्यात लाइसेंस बना रहा है। दोनों देशों के बीच वैश्विक घटनाक्रम पर चर्चा हुई। भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय वार्ता के बाद पीएम मोदी ने साफ कहा कि हमने तत्काल युद्धविराम और समस्या के समाधान के लिए यूक्रेन में बातचीत और कूटनीति पर जोर दिया है।

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