प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लद्दाख को दिया पहला केन्द्रीय विश्वविद्यालय

भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लद्दाख क्षेत्र में केन्द्रीय विश्वविद्यालय खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। लद्दाख क्षेत्र में गेलुग और काग्यू संप्रदाय के लोग अधिक संख्या में हैं। लद्दाख में जो केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनेगा उसमें विस्तृत रूप से बौद्ध धर्म के बारे में अध्ययन किया जायेगा। लद्दाख क्षेत्र में बौद्ध धर्म के लोग अधिस संख्या में रहते हैं।
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने के बाद लद्दाख को एक केन्द्र शासित प्रदेश के रूप में गठित किया गया है। संसदीय अधिनियम की एक वर्ष पूरी होने से पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लद्दाख क्षेत्र के लिए बौद्ध अध्ययन पर आधारित पहले केन्द्रीय विश्वविद्यालय को मंजूरी दे दी है। यह महाविद्यालय इंजीनियरिंग और मेडिकल की डिग्री नहीं देगा। लद्दाख महाविद्यालय उदार कला और बुनियादी विज्ञान और अन्य सभी प्रकार के शैक्षणिक कोर्सों की डिग्री देगा।
प्रधानमंत्री द्वारा लिया गया यह निर्णय लद्दाख क्षेत्र में रह रहे लोगों की जीवन शैली में सुधार और वहाँ के शैक्षणिक स्तर को सुधारने के लिए अहम कदम साबित होगा। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक साल में किये गये कार्यों की समीक्षा के लिए एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सभी उच्च स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।
5 अगस्त 2019 को केन्द्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा खत्म कर उस क्षेत्र को केन्द्र शासित प्रदेशों में परिवर्तित कर दिया और केन्द्र शासित प्रदेशों की सुरक्षा और विकास का जिम्मा केन्द्र सरकार के हाथों में रखा।
20 जुलाई को आयोजित बैठक में केन्द्रीय महाविद्यालय को मंजूरी मिलने के बाद लद्दाख क्षेत्र के दस हजार से अधिक छात्रों में खुशी की लहर दौड गई है। क्योंकि लद्दाख के छात्रोें को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए घर से दूर जाने के लिए मजबूर होना पडता था। अब शिक्षा मंत्रालय केन्द्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने की कार्यवाही को पूरा करेगा। औपचारिक प्रस्ताव लेने के बाद केन्द्रीय कानून का निर्माण किया जायेगा। और इसके बाद संसद की बैठक में सभी केन्द्रीय मंत्रिमंडलों की मौजूदगी में मंजूरी दी जायेगी।
लद्दाख को यह पहला विश्वविद्यालय मिला है जो लद्दाख के पूर्व में संचालित काॅलेजों को संगठित करके बनाया गया है। केन्द्रीय विश्वविद्यालय की मांग को लेकर राज्य विधानसभा ने 2018 में एक कानून का निर्माण किया था। लद्दाख विश्वविद्यालय के द्वारा हिमाचल प्रदेश के दो जिले लाहौल और स्पीति के छात्र भी लाभान्वित होंगे।
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