पीएम मोदी ने साबर डेयरी की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, बोले- 13 अगस्त से ही देश का हर घर...

पीएम मोदी ने साबर डेयरी की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, बोले- 13 अगस्त से ही देश का हर घर...
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किसान की आय बढ़ाने के लिए जो प्रयास बीते 8 वर्षों में केंद्र सरकार ने किए हैं, उसकी वजह से गुजरात समेत देश के अलग अलग हिस्सों में किसानों की आय में बढ़ोतरी देखी जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Narendra Modi) ने गुजरात (Gujarat) में गुरुवार को साबर डेयरी (Sabar Dairy) की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया है। इस मौके पर पीएम मोदी (Pm Modi) के साथ कई नेता मौजूद रहे। पीएम मोदी ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज साबर डेयरी का विस्तार हुआ है। सैकड़ों करोड़ रुपए के नए प्रोजेक्ट यहां लग रहे हैं। आधुनिक टेक्नॉलॉजी से लैस मिल्क पाउडर प्लांट और ए-सेप्टिक पैकिंग सेक्शन में एक और लाइन जुड़ने से साबर डेयरी की क्षमता और अधिक बढ़ जाएगी।

दो दशक पहले यहां क्या स्थितियां थी, ये आप भी जानते हैं और मैंने भी भलीभांति देखा है। आजकल हम गुजरात के कईं हिस्सों में अतिवर्षा की चुनौती से जूझ रहे हैं। लेकिन बारिश आना ही गुजराती के लिए इतना बड़ा सुख और संतोष होता है, इसका अंदाजा बाहर के लोगों को नहीं है। जैसे जैसे सिंचाई की सुविधाओं का गुजरात में विस्तार हुआ, वैसे वैसे कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में हमनें बहुत विकास किया और डेयरी ने उसे बहुत बड़ी ताकत दी। पीएम मोदी ने आगे कहा कि अर्थव्यवस्था को डेयरी ने स्थिरता भी दी, सुरक्षा भी दी और प्रगति के नए अवसर भी दिए। गुजरात में बीते 2 दशक में जो व्यवस्थाएं तैयार हुई, आज उसके बेहतर परिणाम मिल रहे हैं। आज गुजरात का डेयरी मार्किट 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। गुजरात में सहकारिता की एक समृद्ध परंपरा रही है, और संस्कार भी है।

तभी तो सहकार है और सहकार है, तभी तो समृद्धि है। दूध से जुड़े सहकारी आंदोलन को जो सफलता मिली है, इसका विस्तार अब हम खेती से जुड़े बाकी क्षेत्रों में भी कर रहे हैं। देश में आज 10 हजार किसान उत्पादक संघ - FPOs के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। इन FPOs के माध्यम से छोटे किसान फूड प्रोसेसिंग से जुड़ी, एक्सपोर्ट से जुड़ी वैल्यू और सप्लाई चेन से सीधे जुड़ पाएंगे। इसका बहुत अधिक लाभ गुजरात के किसानों को भी होने वाला है।

किसान की आय बढ़ाने के लिए जो प्रयास बीते 8 वर्षों में केंद्र सरकार ने किए हैं, उसकी वजह से गुजरात समेत देश के अलग अलग हिस्सों में किसानों की आय में बढ़ोतरी देखी जा रही है। किसानों की आय में बागवानी, पशुपालन, मछलीपालन की वजह से भी काफी वृद्धि हुई है। छोटी जमीन वाले किसानों की आय में भी वृद्धि हुई है। यानी फसलों के अलावा आय के वैकल्पिक माध्यमों पर काम करने की रणनीति आज काम आ रही है।

खादी और ग्रामोद्योग भी इसका एक उत्तम उदाहरण है। खादी ग्रामोद्योग का टर्नओवर पहली बार 1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर गया है। यही कारण है कि बीते 8 वर्षों में इसी क्षेत्र से डेढ़ करोड़ से ज्यादा रोजगार गांव में बनें हैं। 2014 तक देश में 40 करोड़ लीटर से भी कम इथेनॉल की ब्लेंडिंग होती थी। आज ये करीब 400 करोड़ लीटर तक पहुंच रहा है। हमारी सरकार ने बीते 2 वर्षों में विशेष अभियान चलाकर 3 करोड़ से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड भी दिए हैं।

खेती की लागत कम करने पर भी हम लगातार काम कर रहे हैं। नीम कोटिड यूरिया, खाद के बंद पड़े कारखानों को फिर से शुरू करने का काम किया गया है। हमारी सरकार ने 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा जी के जन्म दिवस को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया है। हमारी सरकार देशभर में आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की याद में विशेष संग्रहालय भी बनवा रही है। आजादी के इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर एक और बड़ा संयोग हुआ है।

पहली बार जनजातीय समाज से आने वाली देश की बेटी भारत के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर पहुंची हैं। देश ने श्रीमती द्रोपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति बनाया है। ये 130 करोड़ से अधिक भारतवासियों के लिए बहुत गौरव का क्षण है। जिस समावेशी लोकतंत्र का सपना,आजादी के लिए अपना बलिदान देने वाले हमारे पूर्वजों ने देखा था वो साकार हो रहा है। आज मैं साबरकांठा की इस पवित्र धरती से गुजरात के सभी लोगों और सभी देशवासियों से आग्रह करता हूं कि आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर हर घर तिरंगा अभियान शुरू किया जा रहा है। इस अभियान में 13 अगस्त से ही देश का हर घर अपने यहां तिरंगा फहराएगा। पूरे गुजरात और पूरे देश में ये तिरंगा फहरा कर एक भारत-श्रेष्ठ भारत का संकल्प लेना है।

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