Modi In Kedarnath: तबाही के बाद केदारनाथ फिर से उभरा, यहां पढ़ें पीएम मोदी के भाषण से जुड़े कुछ अंश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज केदारनाथ (PM Modi In Kedarnath) में हैं। जहां उन्होंने केदारनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की और इसके साथ ही साढ़े चार करोड़ के विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इनमें सरस्वती और मंदाकिनी नदी के किनारे एक सुरक्षा दीवार के साथ आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि का उद्घाटन किया। मंदाकिनी पर पुल और तीर्थयात्रियों के लिए आवास समेत कई अन्य पुनर्निर्माण कार्यों की आधारशिला भी रखी। इसके साथ ही केदारनाथ धाम में चार गुफाएं भी तैयार की गई हैं। इस दौरान पीएम ने एक जनसभा में कहा कि चारधाम यात्रा सदियों से यहां महत्वपूर्ण रही है, द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन, शक्तिपीठों के दर्शन, इन सभी यात्राओं की परंपरा अष्टविनायक जी के दर्शन, इस तीर्थयात्रा को यहां हमारे जीवन काल का हिस्सा माना जाता था। है।
1. जनसभा में पीएम मोदी ने कहा कि रामचरित मानस में कहा गया है'अबिगत अकथ अपार, नेति-नेति नित निगम कह' अर्थात्, कुछ अनुभव इतने अलौकिक, इतने अनंत होते हैं कि उन्हें शब्दों से व्यक्त नहीं किया जा सकता। बाबा केदारनाथ की शरण में आकर मेरी अनुभूति ऐसी ही होती है।
2. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे उपनिषदों में, आदि शंकराचार्य जी की रचनाओं में कई जगह नेति-नेति कहकर एक भाव विश्व का विस्तार दिया गया है। रामचरित मानस को भी हम देखें तो इसमें में अलग तरीके से ये भाव दोहराया गया है।
3. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप सभी आदि शंकराचार्य जी की समाधि की पुनर्स्थापना के साक्षी बन रहे हैं। ये भारत की आध्यात्मिक समृद्धि और व्यापकता का बहुत अलौकिक दृश्य है।
4. पीएम नरेंद्र मोदी ने रैली में कहा कि हमें आशीर्वाद मिल रहा है। सभी मठों, 12 ज्योतिर्लिंगों, अनेक शिवालयों, शक्ति धाम, अनेक तीर्थ क्षेत्रों पर देश के गणमान्य महापुरुष, पूज्य शंकराचार्य परंपरा से जुड़े हुए सभी वरिष्ठ ऋषि, मनीषी और अनेक श्रद्धालु भी देश के हर कोने से केदारनाथ की इस पवित्र भूमि के साथ हमें आशीर्वाद दे रहे हैं।
5. बरसों पहले जो नुकसान यहां हुआ था, वो अकल्पनीय था। जो लोग यहां आते थे, वो सोचते थे कि क्या ये हमारा केदार धाम फिर से उठ खड़ा होगा? लेकिन मेरे भीतर की आवाज कह रही थी की ये पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा। पीएम ने कहा कि अब हमारी सांस्कृतिक विरासत, आस्था के केंद्रों को उसी शान से देखा जा रहा है, जिस तरह उन्हें देखना चाहिए. आज पूरे वैभव के साथ अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है, अयोध्या का वैभव वापस लौट रहा है।
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