अमित शाह को गृह मंत्रालय तो राजनाथ को मिला रक्षा मंत्रालय, जानें किसे कौन सा मंत्रालय मिला

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत हो गई है। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को अपनी कैबिनेट के कामकाज का बंटवारा कर दिया है। पीएम के अलावा कुल 57 मंत्रियों को मंत्रालय बांटे गए हैं। इनमें अमित शाह गृह मंत्री, राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री बनाए गए हैं। नितिन गडकरी को पुन: सड़क परिवहन विभाग सौंपा गया है। वहीं अरुण जेटली के मंत्रिमंडल में शामिल न होने के कारण निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया। कई मंत्रालय प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पास रखे हैं।
पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनीं सीतारमण
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में पहले वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री और फिर रक्षा मंत्रालय संभालने वालीं निर्मला सीतारमण को अब वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। वह देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बन गई हैं। ज्ञात हो कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के सरकार में शामिल न होने के कारण उन्हें यह विभाग सौंपा गया है।
सरप्राइज मंत्री जयशंकर बने विदेश मंत्री
मोदी के 'सरप्राइज मंत्री' पूर्व विदेश सचिव एस. जयशंकर को विदेश मंत्री बनाया गया है। जयशंकर को अमेरिका, चीन और रूस तीनों महत्वपूर्ण देशों में काम करने का लंबा अनुभव है। पिछली मोदी सरकार-1 में विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज ने इस बार चुनाव नहीं लड़ा था और ऐसे में जयशंकर को विदेश मंत्री बनाना महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
स्मृति को दो मंत्रालयों की जिम्मेदारी
अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हराने वाली स्मृति ईरानी को इस बार दो मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। स्मृति को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ ही कपड़ा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। इससे पहले भी वह कपडा मंत्री के तौर पर काम कर रही थीं।
सहयोगियों के मंत्रालय बरकरार
खास बात यह है कि एनडीए के सहयोगी दलों को पिछली बार मिले मंत्रालयों को इस बार भी बरकरार रखा गया है। एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान को इस बार भी उपभोक्ता एवं खाद्य, शिरोमणि अकाली दल से हरसिमरत कौर बादल को खाद्य प्रसंस्करण, आरपीआई के रामदास आठवले को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, शिवसेना के कोटे से आने वाले मंत्री अरविंद सावंत को भारी उद्योग मंत्रालय दिया गया है।
इन्हें नहीं मिली जगह
मोदी सरकार-1 के कई कैबिनेट मंत्रियों को नई सरकार में जगह नहीं मिली है। भाजपा के नेताओं मेनका गांधी, सुरेश प्रभु, जेपी नड्डा, राधा मोहन सिंह को इस बार मंत्री नहीं बनाया गया। कैबिनेट मंत्रियों के अलावा राज्य मंत्री रैंक के भी राज्यवर्धन सिंह राठौड़, महेश शर्मा, जुआल ओरम, जयंत सिन्हा, एसएस अहलुवालिया, विजय गोयल, के. अल्फोंस, रमेश जिगाजिनागी, राम कृपाल यादव, अनंत कुमार हेगडे़, अनुप्रिया पटेल, सत्यपाल सिंह, बीरेंद्र सिंह, अनंत गीते, हंसराज अहीर, पोन राधाकृष्णन, विजय गोयल, अनंत कुमार हेगड़े, पीपी चौधरी, राम कृपाल यादव और विजय सांपला को भी मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किया गया है।
मोदी सरकार से ये चेहरे हुए बाहर
इन पूर्व मंत्रियों में से के. अल्फोंस चुनाव हार गए जबकि बाकी जीतकर संसद पहुंचे हैं। नए मंत्रिमंडल में पूर्व दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा गाजीपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव हार गए हैं। वहीं, अरुण जेटली स्वास्थ्य कारणों से तथा सुषमा स्वराज और उमा भारती ने लोकसभा चुनाव ही नहीं लड़ा।
प्रधानमंत्री के पास हैं ये मंत्रालय
1. प्रधानमंत्री कार्यालय
2. कार्मिक मंत्रालय
3. जन शिकायत और पेंशन मंत्रालय
4. एटॉनिमक एनर्जी मंत्रालय
5. अंतरिक्ष मंत्रालय
6. पॉलिसी से जुड़े सभी मुद्दे
7. जो भी जिम्मेदारी किसी को नहीं मिली है, वह प्रधानमंत्री के पास
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