Modi In Varanasi: पीएम मोदी ने किया देव दीपावली का आगाज, विपक्ष पर साधा निशाना, यहां पढ़ें पूरा अपडेट

Modi In Varanasi: पीएम मोदी ने किया देव दीपावली का आगाज, विपक्ष पर साधा निशाना, यहां पढ़ें पूरा अपडेट
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ देव दीपावली महोत्सव का आगाज किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देव दीपावली के अवसर पर वाराणसी में 6 लेन के वाराणसी-प्रयागराज राजमार्ग का उद्घाटन किया। उसके बाद पीएम मोदीर गंगा नदी में जहाज रानी पर सावर होकर ललित घाट पहुंचे और काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान शिव की पूजा की। इसके बाद पीएम मोदी ने राजघाट पहुंच कर पहला दिया जलाया। घाट पर चल रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम को भी देखा। वहीं दूसरी तरफ पीएम ने काशी के मंदिरों की वेबसाइट का उद्घाटन किया।

संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने देश के सभी को देव दीपावली और गुरुपर्व की ढेरों बधाईयां और शुभकामनाएं। देव दीपावली और गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव पर आज काशी को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का एक और उपहार मिल रह है। इसका लाभ काशी के साथ ही प्रयागराज के लोगों को भी होगा, आप सभी को बहुत-बहुत बधाई।

पीएम मोदी ने संबोधन के दौरान कहा कि देव दीपावली और गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव पर आज काशी को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का एक और उपहार मिल रह है। मुझे याद है कि 2013 में मेरी पहली जनसभा इसी मैदान पर हुई थी। तब यहां से गुजरने वाला हाइवे 4 लेन का था। आज बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से ये 6 लेन का हो गया है। इसका लाभ काशी के साथ ही प्रयागराज के लोगों को भी होगा, आप सभी को बहुत-बहुत बधाई।


पीएम ने आगे कहा कि बीते वर्षों में काशी के सुंदरीकरण के साथ-साथ यहां की कनेक्टिविटी में जो काम हुआ है, उसका लाभ अब दिख रहा है। नए हाइवे बनाना हो, पुल-फ्लाई ऑवर बनाना हो, जितना काम बनारस और आस-पास के क्षेत्रों में अब हो रहा है, उतना आजादी के बाद कभी नहीं हुआ। 3-4 साल पहले यूपी में सिर्फ दो बड़े एयरपोर्ट प्रभावी रूप से काम कर रहे थे। आज करीब एक दर्जन एयरपोर्ट यूपी में सेवा के लिए तैयार हो रहे हैं। वाराणसी के एयरपोर्ट के विस्तार का काम चल रहा है।

वाराणसी में पेरिशेबल कार्गो सेंटर बनने के कारण अब यहां के किसानों को अब फल और सब्जियों को स्टोर करके रखने और उन्हें आसानी से बेचने की बहुत बड़ी सुविधा मिली है। इस स्टोरेज कैपेसिटी के कारण पहली बार यहां के किसानों की उपज बड़ी मात्रा में निर्यात हो रही है। जब किसी क्षेत्र में आधुनिक कनेक्टिविटी का विस्तार होता है, तो इसका बहुत लाभ हमारे किसानों को होता है, बीते वर्षों में ये प्रयास हुआ है कि गांवों में आधुनिक सड़कों के साथ भंडारण, कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्थाएं खड़ी की जाएं, इसके लिए 1 लाख करोड़ रुपए का फंड भी बनाया गया है।

कृषि बिल पर बोले पीएम मोदी

वहीं पीएम मोदी ने कृषि बिल को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान बिल को लेकर स्थिति साफ की। पीएम ने कहा कि ऐसा नहीं है की नए कानून के बनने से पहले वाला तरीका खत्म हो जाएगा किसान चाहे तो पहले के हिसाब से ही फ़सल बेंच सकते हैं। नया कानून इस वजह से आया कि किसान किसी को भी फ़सल बेचें उनको एनएसपी ज़रूर मिले। पीएम मोदी ने कहा, मुझे खुशी है कि योगी जी और उनकी टीम ने सरकार बनने के बाद यहां भी इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में अभूतपूर्व तेजी आई है। पहले उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति क्या थी, यह आप सभी जानते हैं। हमने कहा था कि हम यूरिया की कालाबाजारी रोकेंगे और किसान को पर्याप्त यूरिया देंगे। बीते 6 साल में यूरिया की कमी नहीं होने दी। पहले यूरिया ब्लैक में लेना होता था, यूरिया लेने आए किसानों पर लाठीचार्ज तक होता था।

पीएम मोदी ने काशी में जलाया दीया

पीएम नरेंद्र मोदी ने काशी में देव दीपावली के मौके पर पहला दिया जलाया। इसके बाद सीएम योगी ने जनता को संबोधित किया और फिर पीएम मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि काशी कोतवाल की जय, माता अन्नपूर्णा की जय, मां गंगा की जय। जो बोले सो निहाल, सत् श्री अकाल। आपको देव दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं। सभी को गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व की बहुत-बहुत बधाई।

पीएम मोदी ने कहा कि आज मां गंगा के सानिध्य में काशी प्रकाश का उत्सव मना रही है। मुझे भी महादेव के आशीर्वाद से इस प्रकाश गंगा में डुबकी लगाने का सौभाग्य मिल रहा है। काशी के लिए एक और भी विशेष अवसर है। कल मन की बात में भी मैंने इसका जिक्र किया था। सौ साल से भी पहले माता अन्नपूर्णा की जो मूर्ति काशी से चोरी हो गई थी, वो फिर वापस आ रही है। माता अन्नपूर्णा एक बार फिर अपने घर लौटकर वापस आ रही हैं। हमारे देवी देवताओं की ये प्राचीन मूर्तियाँ, हमारी आस्था के प्रतीक के साथ ही हमारी अमूल्य विरासत भी हैं। ये बात सही है कि इतना प्रयास अगर पहले किया गया होता, तो ऐसी कितनी ही मूर्तियां, देश को काफी पहले वापस मिल जातीं। लेकिन कुछ लोगों की सोच अलग रही है।

हमारे लिए विरासत का मतलब है देश की धरोहर। जबकि कुछ लोगों के लिए विरासत का मतलब होता है, अपना परिवार और अपने परिवार का नाम। हमारे लिए विरासत का मतलब है हमारी संस्कृति, हमारी आस्था। उनके लिए विरासत का मतलब है अपनी प्रतिमाएं, अपने परिवार की तस्वीरें। ऐसा लग रहा है जैसे आज पूर्णिमा पर देव दीपावली मनाती काशी, महादेव के माथे पर विराजमान चन्द्रमा की तरह चमक रही है। काशी की महिमा ही ऐसी है। पहले सरकार का कोई फैसला अगर किसी को पसंद नहीं आता था तो उसका विरोध होता था। लेकिन अब विरोध का आधार फैसला नहीं बल्कि आशंकाओं को बनाया जा रहा है। ऐतिहासिक कृषि सुधारों के मामले में भी यही खेल खेला जा रहा है। ये वही लोग हैं जिन्होंने दशकों तक किसानों के साथ लगातार छल किया है।



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