पीएम मोदी ने आरबीआई रिटेल डायरेक्ट और इंटीग्रेटेड ओम्बड्समैन स्कीम लॉन्च की, बोले- RBI देश की उम्मीदों पर खरा उतरेगा

पीएम मोदी ने आरबीआई रिटेल डायरेक्ट और इंटीग्रेटेड ओम्बड्समैन स्कीम लॉन्च की, बोले- RBI देश की उम्मीदों पर खरा उतरेगा
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मुझे विश्वास है कि आरबीआई देश की उम्मीदों पर खरा उतरेगा। पिछले 6-7 सालों में केंद्र सरकार ने आम भारतीय की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए काम किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Modi) ने शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक रिटेल डायरेक्ट स्कीम (RBI Retail Direct Scheme) और इंटीग्रेटेड ओम्बड्समैन स्कीम (Integrated Ombudsman Scheme) की शुरुआत की। बीजेपी ट्विटर के मुताबिक, इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना के इस चुनौतीपूर्ण कालखंड में वित्त मंत्रालय ने, आरबीआई (RBI) और अन्य वित्तीय संस्थाओं ने बहुत प्रशंसनीय कार्य किया है।

मुझे विश्वास है कि आरबीआई देश की उम्मीदों पर खरा उतरेगा। पिछले 6-7 सालों में केंद्र सरकार ने आम भारतीय की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए काम किया है। आरबीआई ने भी आम भारतीय को ध्यान में रखते हुए कई कदम उठाए हैं। आज जिन दो योजनाओं को लॉन्च किया गया है, उनसे देश में निवेश के दायरे का विस्तार होगा और कैपिटल मर्केट्स को एक्सेस करना निवेशकों के लिए अधिक आसान, अधिक सुविधाजनक बनेगा।

खुदरा प्रत्यक्ष योजना में, हमारे देश के छोटे निवेशकों ने सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने का एक सुरक्षित और आसान तरीका खोज लिया है। एकीकृत लोकपाल योजना के तहत 'एक राष्ट्र, एक लोकपाल' आकार ले चुका है। यह सुनिश्चित करेगा कि प्रत्येक ग्राहक निवारण परेशानी मुक्त और समयबद्ध तरीके से होगा। आज, जब देश डिजिटल और भौतिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए अभूतपूर्व निवेश कर रहा है, प्रत्येक निवेशक की भागीदारी महत्वपूर्ण होने जा रही है।

आगे कहा कि अभी तक गर्वमेंट सिक्यूरिटी मार्केट में हमारे मध्यम वर्ग, कर्मचारी, छोटे व्यापारी, वरिष्ठ नागरिकों को सिक्योरिटीज में निवेश के लिए बैंक इंश्योरेंश या म्यूचल फंड जैसे रास्ते अपनाने पड़ते थे। अब उन्हें सुरक्षित निवेश का एक और बेहतर विकल्प मिल रहा है। आरबीआई रिटेल डायरेक्ट स्कीम के तहत किसी फंड मैनेजर की जरूरत नहीं होगी। एक खुदरा प्रत्यक्ष गिल्ड खाता ऑनलाइन खोला जा सकता है और सिक्यूरिटियां को ऑनलाइन खरीदा / बेचा जा सकता है! वेतनभोगी लोगों/पेंशनभोगियों के लिए सुरक्षित निवेश का यह एक बड़ा अवसर है।

बीते 7 सालों में, NPAs को पारदर्शिता के साथ Recognize किया गया, Resolution और recovery पर ध्यान दिया गया, पब्लिक सेक्टर बैंकों को Recapitalize किया गया, फाइनेंशियल सिस्टम और पब्लिक सेक्टर बैंकों में एक के बाद एक रिफॉर्म्स किए गए। बैंकिंग सेक्टर को और मज़बूत करने के लिए Co-operative बैंकों को भी RBI के दायरे में लाया गया। इससे इन बैंकों की गवर्नेंस में भी सुधार आ रहा है और जो लाखों depositors हैं, उनके भीतर भी इस सिस्टम के प्रति विश्वास मजबूत हो रहा है।

आरबीआई इस प्रोग्राम के तहत साइबर फ्रॉड और ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी इस्तेमाल कर रहा है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि जांच में कम से कम समय लगेगा और बैंकों और जांच एजेंसियों के बीच सहयोग को सुगम बनाएगा। ECLGS के तहत, 2.9 लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋण स्वीकृत किए गए हैं, जिससे 1.25 करोड़ व्यापार मालिकों को मदद मिली है। इनमें से ज्यादातर एमएसएमई हैं।

कोविड में ही सरकार द्वारा छोटे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड देने के लिए विशेष मुहिम चलाई। जिससे 2.5 करोड़ से अधिक किसानों को KCC कार्ड भी मिले और लगभग 2.75 लाख करोड़ का कृषि ऋण भी मिला। पीएम स्वनिधि योजना से करीब 26 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण मिल चुका है।

सिर्फ 7 सालों में भारत ने डिजिटल ट्रांजेक्शंस के मामले में 19 गुणा की छलांग लगाई है। आज 24 घंटे, सातों दिन और 12 महीने देश में कभी भी, कहीं भी हमारा बैंकिंग सिस्टम चालू रहता है। हमें देश की, देश के नागरिकों की आवश्यकताओं को केंद्र में रखना ही होगा, निवेशकों के भरोसे को निरंतर मजबूत करते रहना होगा। मुझे पूरा विश्वास है कि एक संवेदनशील और इन्वेस्टर फ्रेंडली डेस्टीनेशन के रूप में भारत की नई पहचान को RBI निरंतर सशक्त करता रहेगा।

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