पीएम मोदी ने 216 फीट ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी' का अनावरण किया, बोले- हम अपनी असली जड़ों से जुड़ें

पीएम मोदी ने 216 फीट ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी का अनावरण किया, बोले- हम अपनी असली जड़ों से जुड़ें
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मुझे विश्वास है कि रामानुजाचार्य जी की यह प्रतिमा ना केवल आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगी बल्कि भारत की प्राचीन पहचान को भी मज़बूत करेगी। यह ज़रूरी नहीं है कि सुधार के लिए अपनी जड़ों से दूर जाना पड़े।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज तेलंगाना (Telangana) के शमशाबाद (Shamshabad) में 11 वीं शताब्दी के भक्ति संत श्री रामानुजाचार्य की स्मृति में 216 फीट ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी' (Statue of Equality) का अनावरण किया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम को पीएम मोदी ने संबोधित किया। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मैं आप सभी देशवासियों और पूरे विश्व में फैले श्री रामानुजाचार्य जी के अनुयायियों को इस शुभ अवसर पर अनेक-अनेक बधाई देता हूं।

मुझे विश्वास है कि रामानुजाचार्य जी की यह प्रतिमा ना केवल आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगी बल्कि भारत की प्राचीन पहचान को भी मज़बूत करेगी। यह ज़रूरी नहीं है कि सुधार के लिए अपनी जड़ों से दूर जाना पड़े। बल्कि ज़रूरी यह है कि हम अपनी असली जड़ो से जुड़ें, अपनी वास्तविक शक्ति से परिचित हों।

विकास हो, सबका हो, बिना भेदभाव हो। सामाजिक न्याय, सबको मिले, बिना भेदभाव मिले। जिन्हें सदियों तक प्रताड़ित किया गया हो वो पूरी गरिमा के साथ विकास के भागीदार बनें, इसके लिए आज का बदलता हुआ भारत, एकजुट प्रयास कर रहा है। रामानुजाचार्य जी भारत की एकता और अखंडता की भी एक प्रदीप्त प्रेरणा हैं।

उनका जन्म दक्षिण में हुआ, लेकिन उनका प्रभाव दक्षिण से उत्तर और पूरब से पश्चिम तक पूरे भारत पर है। आज देश में एक ओर सरदार साहब(वल्लभ भाई पटेल) की 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' एकता की शपथ दोहरा रही है, तो रामानुजाचार्य जी की 'स्टैच्यू ऑफ Equality' समानता का संदेश दे रही है। यही एक राष्ट्र के रूप में भारत की चिर-पुरातन विशेषता है।

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