पीएम मोदी ने 'कर्तव्यपथ' से कहा- गुलामी का प्रतीक किंग्सवे यानी राजपथ आज से इतिहास बन गया, नेताजी की प्रतिमा का भी किया अनावरण

पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को कर्तव्य पथ (KartavyaPath) पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhas Chandra Bose) की 28 फीस ऊंची ग्रेनाइट पत्थर से बनाई गई प्रतिमा का अनावरण किया। इसके बाद उन्होंने यहां उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद पीएम मोदी ने कर्तव्य पथ का भी उद्घाटन किया। जिसका नाम बीते दिन दिल्ली में एनडीएमसी ने राजपथ से कर्तव्यपथ कर दिया था।
PM Modi inaugurates all new redeveloped Rajpath as Kartvyapath in New Delhi pic.twitter.com/owdlU05VKl
— ANI (@ANI) September 8, 2022
इस दौरान इंडिया गेट से विजय चौक तक एक नई तस्वीर सामने आई। वहीं 26 जनवरी 2023 को होनी वाली गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने के लिए श्रमजीवियों को न्योता दे दिया है। बीती 23 जनवरी को पीएम मोदी ने नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया था।
स्वतंत्रता दिवस के 75वें वर्ष में यह महसूस किया जा रहा था कि नए बदलावों के साथ राजपथ का नाम बदला जाने की जरुरत है। बिना की भेदभाव के हमें अपने कर्तव्य को पूरा करने के लिए प्रेरित करती है। सेंट्रल विस्टा एवेन्यू प्रोजेक्ट के तहत यह काम किया जा रहा है। कर्तव्य पथ के उद्घाटन से पहले सू साथकों के द्वारा कार्यक्रम किया गया। कर्तव्यपथ का उद्घाटन करने के बाद आज के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम पर पूरे देश की नजर है। इस समय सभी देशवासी इस कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं। मैं इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बन रहे सभी देशवासियों का हद्य से स्वागत करता हूं। इस ऐतिहासिक पल में मेरे साथ मंत्रिमंडल के मेरे साथी हरदीप सिंह पुरी, किशन रेड्डी, अर्जुनराम मेघवाल, मीनाक्षी लेखी, कौशल किशोर आज मेरे साथ मंच पर उपस्थित हैं।
पीएम ने संबोधित करते हुए आगे कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में देश का आज एक नई प्रेरणा मिली है। नई ऊर्जा मिली है। आज हम गुजरे हुए कल को छोड़कर आने वाले कल की तस्वीर में, नए रंग भर रहे हैं। आज जो हर तरफ आभा दिख रही है। वो नए भारत के आत्मविश्वास की आभा है। गुलामी का प्रतीक किंग्सवे यानी राजपथ आज से इतिहास की बात हो गया। हमेशा के लिए मिट गया है। आज कर्तव्यपथ के रूप में इतिहास का नया उत्सर्जन हुआ है। देश को लोगों को गुलामी के एक ओर प्रतीक से आजादी के रूप में बधाई देता हूं। इंडिया गेट के सामने इस मौके पर हमारी राष्ट्र के नायक सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी स्थापित हुई है। ऐसे में ये अवसर ऐतिहासिक है। आज देश ने विभिन्न कानूनों को बदल दिया है जो अंग्रेजों के समय से थे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से अब देश के युवाओं को विदेशी भाषा की मजबूरी से मुक्त किया जा रहा है।
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