ICRISAT की 50वीं वर्षगांठ समारोह में पीएम मोदी बोले- भारत में 15 Agro-Climatic Zones हैं, पढ़ें पूरी स्पीच

ICRISAT की 50वीं वर्षगांठ समारोह में पीएम मोदी बोले- भारत में 15 Agro-Climatic Zones हैं, पढ़ें पूरी स्पीच
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इन 5 दशकों में आपने भारत सहित दुनिया के एक बड़े हिस्से में कृषि क्षेत्र की मदद की है। आपकी रिसर्च, आपकी टेक्नॉलॉजी ने मुश्किल परिस्थितियों में खेती को आसान और सस्टेनेबल बनाया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Modi) ने हैदराबाद (Hyderabad) में इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टिट्यूट फॉर द सेमी-अरिड टॉपिक्स (आईसीआरआईएसएटी- ICRISAT) की 50वीं वर्षगांठ समारोह को संबोधित किया। लेकिन इससे पहले पीएम मोदी ने (ICRISAT) के स्वर्ण जयंती समारोह में स्मारक डाक टिकट लॉन्च किया। पीएम मोदी ने 'क्लाइमेट चेंज रिसर्च फैसिलिटी ऑन प्लांट प्रोटेक्शन' का उद्घाटन भी किया।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज बसंत पंचमी का पावन पर्व है। आज हम ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा करते हैं। आप सभी जिस क्षेत्र में हैं उसका आधार ज्ञान, विज्ञान, इनोवेशन, इंवेंशन ही है, इसलिए बसंत पंचमी के दिन इस आयोजन का एक विशेष महत्व हो जाएगा। 50 साल एक बहुत बड़ा समय होता है और इस 50 साल की यात्रा में जब जब जिस जिस ने जो जो योगदान दिया है, वे सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं। इस काम को आगे बढ़ाने के लिए जिन जिन लोगों नें प्रयास किया है, मैं उनका भी अभिनंदन करता हूं। आपके पास 5 दशकों का अनुभव है। इन 5 दशकों में आपने भारत सहित दुनिया के एक बड़े हिस्से में कृषि क्षेत्र की मदद की है। आपकी रिसर्च, आपकी टेक्नॉलॉजी ने मुश्किल परिस्थितियों में खेती को आसान और सस्टेनेबल बनाया है।

Pro planet people एक ऐसा मूवमेंट है जो क्लाइमेट चैलेंज से निपटने के लिए हर community को, हर Individual को climate responsibility से जोड़ता है। ये सिर्फ बातों तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत सरकार के एक्शन्स में भी रिफ्लेक्ट होता है। भारत में 15 Agro-Climatic Zones हैं। हमारे यहां, वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत और शिशिर ये 6 ऋतुएं भी होती हैं। यानि हमारे पास एग्रीकल्चर से जुड़ा बहुत विविध और बहुत प्राचीन अनुभव है।

हमारा फोकस देश के उन 80 प्रतिशत से ज्यादा छोटे किसानों पर है, जिन्हें हमारी सबसे ज्यादा जरूरत है। इस बजट में भी प्राकृतिक खेती और डिजिटल एग्रीकल्चर पर काफी जोर दिया गया है। बदलते हुए भारत का एक महत्वपूर्ण पक्ष है- डिजिटल एग्रीकल्चर। ये हमारा फ्यूचर है और इसमें भारत के टेलेंटेड युवा, बहुत बेहतरीन काम कर सकते हैं। डिजिटल टेक्नॉलॉजी से कैसे हम किसान को empower कर सकते हैं, इसके लिए भारत में प्रयास निरंतर बढ़ रहे हैं।

इस बजट में प्राकृतिक खेती और डिजिटल एग्रीकल्चर पर अभूतपूर्व बल दिया गया है। एक तरफ हम मोटे अनाज का दायरा बढ़ाने पर फोकस कर रहे हैं, केमिकल फ्री खेती पर बल दे रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ सोलर पंप से लेकर किसान ड्रोन तक आधुनिक टेक्नोलॉजी को प्रोत्साहित कर रहे हैं। हम food security के साथ-साथ nutrition security पर फोकस कर रहे हैं। इसी विजन के साथ बीते 7 सालों में हमने अनेक bio-fortified varieties का विकास किया है।

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