असम : राहुल गांधी के बयान पर पीएम मोदी का पलटवार, बोले मेरे पास जनता का सुरक्षा कवच

पीएम नरेंद्र मोदी आज बोडो समझौते पर हस्ताक्षर का जश्न मनाने के लिए असम के कोकराझार पहुंचे हैं। यहां पर पीएम नरेंद्र मोदी का पारंपरिक नृत्य के साथ जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद पीएम मोदी ने कोकराझार में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिये बगैर उनपर जमकर निशाना साधा।
पीएम मोदी ने कहा कि मैंने अपने राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन में बहुत सारी रैलियां देखी हैं, लेकिन मैंने इतनी भारी भीड़ कभी नहीं देखी। यह निश्चित रूप से स्वतंत्रता के बाद के युग में भारत की सबसे बड़ी राजनीतिक रैलियों में से एक है।
कई बार कुछ नेता मुझे लाठी से पीटने की बात करते हैं
कई बार कुछ नेता मुझे लाठी से पीटने की बात करते हैं, लेकिन मैं भारत की सभी माताओं के आशीर्वाद से बच गया हूं। मैं अपना सम्मान अदा करता हूं और आप सभी को धन्यवाद देता हूं। मैं यहां सभी असमिया लोगों में एक नया विश्वास जगाने के लिए आया हूं।
पीएम मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिये बगैर कहा कि कभी-कभी लोग मोदी को डंडा मारने की बाते कहते हैं। लेकिन जिस मोदी को इतनी बड़ी मात्रा में माताओं-बहनों का सुरक्षा कवच मिला हो उस पर कितने ही डंडे गिर जाएं उसको कुछ नहीं होता।
आज का दिन संकल्प लेने का है
आज का दिन, इस समझौते में बहुत सकारात्मक भूमिका निभाने वाले All Bodo Students Union, National Democratic Front of Bodoland से जुड़े सभी युवा साथियों, BTC के चीफ श्री हगरामा माहीलारे और असम सरकार की प्रतिबद्धता को अभिनंदन करने का है।
आज का दिन संकल्प लेने का है कि विकास और विश्वास की मुख्य धारा को मजबूत करना है। अब हिंसा के अंधकार को इस धरती पर लौटने नहीं देना है। आज का दिन असम सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट के लिए 21वीं सदी में एक नई शुरुआत, एक नए सवेरे का, नई प्रेरणा का स्वागत करने का है। मैं New India के नए संकल्पों में आप सभी का, शांतिप्रिय असम का, शांति और विकास प्रिय नॉर्थ ईस्ट का स्वागत करता हूं।
अब विकास ही पहली और आखिरी प्राथमिकता
गांधी जी कहते थे कि अहिंसा के मार्ग पर चलकर हमें जो भी प्राप्त होता है वो सभी को स्वीकार होता है। अब असम में अनेक साथियों ने शांति और अहिंसा का मार्ग स्वीकार करने के साथ ही, लोकतंत्र और भारत के संविधान को स्वीकार किया है।
अब केंद्र सरकार, असम सरकार और बोडो आंदोलन से जुड़े संगठनों ने जिस ऐतिहासिक अकॉर्ड पर सहमति जताई है, जिस पर साइन किया है, उसके बाद अब कोई मांग नहीं बची है और अब विकास ही पहली और आखिरी प्राथमिकता है।
असम अकॉर्ड की धारा-6 को भी जल्द से जल्द लागू किया जाए
अब सरकार का प्रयास है कि असम अकॉर्ड की धारा-6 को भी जल्द से जल्द लागू किया जाए। मैं असम के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि इस मामले से जुड़ी कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद केंद्र सरकार और त्वरित गति से कार्रवाई करेगी।
अकॉर्ड के तहत BTAD में आने वाले क्षेत्र की सीमा तय करने के लिए कमीशन भी बनाया जाएगा। इस क्षेत्र को 1500 करोड़ रुपये का स्पेशल डेवलपमेंट पैकेज मिलेगा, जिसका बहुत बड़ा लाभ कोकराझार, चिरांग, बक्सा और उदालगुड़ि जैसे जिलों को मिलेगा।
बोडो क्षेत्र में, नई उम्मीदों, नए सपनों, नए हौसले का संचार हुआ
आज जब बोडो क्षेत्र में, नई उम्मीदों, नए सपनों, नए हौसले का संचार हुआ है, तो आप सभी की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। मुझे पूरा विश्वास है कि 'बोडो टेरीटोरियल कॉउंसिल' अब यहां के हर समाज को साथ लेकर, विकास का एक नया मॉडल विकसित करेगी।
बोडो टेरिटोरियल काउंसिल, असम सरकार और केंद्र सरकार, अब साथ मिलकर, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को नया आयाम देंगे। इससे असम भी सशक्त होगा और एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना भी और मजबूत होगी।
हमें अब अतीत की समस्याओं से उलझकर नहीं रहना है
21वीं सदी का भारत अब ये दृढ़ निश्चय कर चुका है कि हमें अब अतीत की समस्याओं से उलझकर नहीं रहना है। आज देश मुश्किल से मुश्किल चुनौतियों का समाधान चाहता है। जिस नॉर्थ ईस्ट में अपने-अपने Home land को लेकर लड़ाईयां होती थी, अब यहां एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना मजबूत हुई है। जिस नॉर्थ ईस्ट में हिंसा की वजह से हजारों लोग अपने ही देश में शरणार्थी बने हुए थे, अब यहां उन लोगों को पूरे सम्मान और मर्यादा के साथ बसने की नई सुविधाएं दी जा रही हैं।
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