बलरामपुर में सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का उद्घाटन, पीएम मोदी बोले- देश के विकास के लिए पानी बहुत जरूरी

पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में शनिवार को सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में 9,800 करोड़ रुपये की सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का उद्घाटन किया। जो पिछले 40 वर्षों से लंबित थी। पीएम मोदी ने रैली के दौरान कहा कि मैं आज देश के उन वीर योद्धाओं को श्रद्धांजलि दे रहा हूं जिनका 8 दिसंबर को हेलिकॉप्टर में निधन हो गया था। भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत जी का जाना हर भारतप्रेमी, हर राष्ट्रभक्त के लिए बहुत बड़ी क्षति है।
Prime Minister Narendra Modi inaugurates the Saryu Nahar National Project in Balrampur. pic.twitter.com/zD3bFteTtT
— ANI UP (@ANINewsUP) December 11, 2021
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब भी हम अयोध्या में राम मंदिर की बात करेंगे। बलरामपुर रियासत के महाराजा पटेश्वरी प्रसाद सिंह साहब के योगदान का उल्लेख किया जाएगा। बलरामपुर के लोग पारखी हैं, उन्होंने नानाजी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी के रूप में 2 भारत रत्न दिए। आगे कहा कि मैं 8 दिसंबर को हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए सभी वीर योद्धाओं के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का निधन, प्रत्येक देशभक्त के लिए एक क्षति है। वह बहादुर थे और उन्होंने देश के सशस्त्र बलों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की, देश इसका गवाह है।
बलरामपुर में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक सैनिक केवल तब तक सैनिक नहीं रहता जब तक वह सेना में रहता है। उनका पूरा जीवन एक योद्धा का है। वह हर पल अनुशासन और देश के गौरव के लिए समर्पित हैं। भारत शोक मना रहा है लेकिन दर्द में होते हुए भी हम न तो अपनी गति को रोकते हैं और न ही अपने विकास को। भारत नहीं रुकेगा। भारत रुकने वाला नहीं है।
पीएम मोदी ने कहा कि हम भारतीय मिलकर कड़ी मेहनत करेंगे और देश के अंदर और बाहर हर चुनौती का सामना करेंगे। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की जान बचाने के लिए डॉक्टर जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। मैं मां पटेश्वरी से उनकी जान बचाने की प्रार्थना करता हूं। राष्ट्र उनके परिवार के साथ खड़ा है। देश भी उन वीर जवानों के परिवारों के साथ खड़ा है।
नहर प्रणाली से राज्य के पूर्वी हिस्से में उन लाखों किसानों को लाभ होने की उम्मीद है, जो पानी की कमी और सिंचाई के मुद्दों से जूझ रहे थे। सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना 1978 में शुरू हुई थी। लेकिन अधिकारियों ने बजटीय समर्थन की निरंतरता, अंतरविभागीय समन्वय और पर्याप्त निगरानी की कमी के कारण यह काम पूरा नहीं हो सका। केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के दो साल बाद इस परियोजना को 2016 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत लाया गया और इसे समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लक्ष्य के साथ काम किया गया।
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