गांधीनगर में PM मोदी ने नैनो यूरिया प्लांट का किया उद्घाटन, कहा- आत्मनिर्भर भारत के लिए गांव...

गुजरात (Gujarat) के गांधीनगर (Gandhinagar) में इफको-कलोल में निर्मित नैनो यूरिया संयंत्र (manufactured nano urea plant) का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने कहा कि ससहकार, गांव के स्वाबलंबन का एक बड़ा माध्यम है और इसमें आत्मनिर्भर भारत (self-reliant India) की ऊर्जा है।
आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए गांव का आत्मनिर्भर होना बेहद जरूरी है, इसलिए पूज्य बापू और सरदार साहब के बताए रास्ते पर चलकर हम माडल कापरेटिव गांव की ओर बढ़ रहे हैं। आज आत्मनिर्भर कृषि के लिए देश के पहले नैनो यूरिया संयंत्र (urea plant) का उद्घाटन करते हुए मुझे विशेष प्रसन्नता हो रही है। अब यूरिया की एक बोरी की ताकत बोतल में समा गई है।
सहकारी क्षेत्र में अमूल ने एक पहचान बना दी। अमूल जैसे ब्रांड ने पूरी दुनिया में गुजरात के कॉपरेटिव मूवमेंट की एक ताकत का परिचय कराया है और एक पहचान बनाई है। गुजरात में डेयरी, चीनी, बैंकिंग सहकारी आंदोलन के सफलता का उदाहरण है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/4ykJXPBh4R
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 28, 2022
नैनो यूरिया की करीब आधा लीटर बोतल, किसान की एक बोरी यूरिया (urea) की जरूरत पूरा करेगी। पीएम मोदी ने आगे कहा कि 7-8 साल पहले तक हमारे खेत में जाने के बजाय ज्यादातर यूरिया कालाबाजारी का शिकार हो जाता था और किसान (farmer) अपनी जरूरत के लिए लाठी खाने को मजबूर हो जाता था। 2014 में हमारी सरकार बनने के बाद हमने यूरिया की 100 प्रतिशत नीम कोटिंग का काम किया।
इससे देश के किसानों को पर्याप्त यूरिया मिलना सुनिश्चित हुआ। इसके साथ ही हमने यूपी, बिहार, झारखंड, ओडिशा और तेलंगाना में बंद पड़ी 5 फर्टिलाइजर फैक्ट्रियों (fertilizer factories) को फिर से चालू करने का काम शुरू किया। नई तकनीक के अभाव में हमारी बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां भी बंद हो गई हैं। भारत विदेश से यूरिया का आयात करता है, जिसमें 50 किलो यूरिया की एक बोरी की कीमत 3,500 रुपये है। लेकिन देश में यूरिया की एक ही बोरी सिर्फ 300 रुपये में किसान को दी जाती है। यानी हमारी सरकार यूरिया की एक बोरी पर 3,200 रुपये का भार वहन करती है।
देश के किसानों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल खाद में 1.60 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी। पीएम मोदी ने कहा, देश के किसानों के हित में जो भी जरूरी होगा, हम करेंगे और देश के किसानों की ताकत को बढ़ाते रहेंगे। पिछली सरकार में समस्याओं का सिर्फ तत्काल समाधान ही तलाशा गया। केवल सीमित प्रयास किए गए ताकि भविष्य में समस्या उत्पन्न न हो। पिछले 8 वर्षों में हमने तत्काल उपाय भी किए हैं और समस्याओं का स्थायी समाधान भी खोजा है।
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