पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहार को दी करोड़ों की सौगात, रघुवंश के निधन पर जताया शोक, पढ़ें पूरा भाषण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बिहार को करोड़ों की सौगात दी है। पीएम मोदी ने आज राज्य में पेट्रोलियम क्षेत्र से संबंधित तीन प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन किया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कार्यक्रम के शुरुआत में मुझे एक दु:खद खबर आपके साथ साझा करना है। बिहार के दिग्गज नेता श्रीमान रघुवंश प्रसाद सिंह हमारे बीच नहीं रहे हैं। मैं उनको नमन करता हूं।रघुवंश बाबू के जाने से बिहार और देश की राजनीति में शून्य पैदा हुआ है।
रघुवंश जी जिन आदर्श को लेकर चले थे, जिनके साथ चले थे, उनके साथ चलना उनके लिए संभव नहीं रहा था। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री जी को अपनी एक विकास के कामों की सूची भेज दी। बिहार के लोगों की, बिहार के विकास की चिंता उस चिट्ठी में प्रकट होती है। मैं नीतीश जी से आग्रह करूंगा कि रघुवंश प्रसाद जी ने अपनी आखिरी चिट्ठी में जो भावना प्रकट की है उसको परिपूर्ण करने के लिए आप और हम मिलकर पूरा प्रयास करें।
कुछ वर्ष पहले जब बिहार के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की गई थी, तो उसमें बहुत फोकस राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर पर था। मुझे खुशी है कि इसी से जुड़े एक महत्त्वपूर्ण गैस पाइप लाइन प्रोजेक्ट के दुर्गापुर- बांका सेक्शन का लोकार्पण करने का अवसर मुझे मिला है। इससे पहले पटना LPG प्लांट के विस्तार और Storage Capacity बढ़ाने का काम हो,
पूर्णिया के LGP प्लांट का विस्तार हो, मुजफ्फरपुर में नया LGP प्लांट हो, ये सारे प्रोजेक्ट पहले ही पूरे किए जा चुके हैं। जगदीशपुर-हल्दिया पाइपलाइन प्रोजेक्ट का जो हिस्सा बिहार से गुजरता है, उस पर भी काम पिछले साल मार्च में ही समाप्त कर लिया गया है। मोतीहारी अमलेखगंज पाइपलाइन पर भी पाइपलनाइन से जुड़ा काम पूरा कर लिया गया है। अब देश और बिहार, उस दौर से बाहर निकल रहा है जिसमें एक पीढ़ी काम शुरू होते देखती थी और दूसरी पीढ़ी उसे पूरा होते हुए।
नए भारत, नए बिहार की इसी पहचान, इसी कार्यसंस्कृति को हमें और मजबूत करना है। बिहार सहित पूर्वी भारत में ना तो सामर्थ्य की कमी है और ना ही प्रकृति ने यहां संसाधनों की कमी रखी है। बावजूद इसके बिहार और पूर्वी भारत विकास के मामले में दशकों तक पीछे ही रहा। इसकी बहुत सारी वजहें राजनीतिक थी, आर्थिक थीं, प्राथमिकताओं की थीं। गैस बेस्ड इंडस्ट्री और पेट्रो-कनेक्टिविटी, ये सुनने में बड़े टेक्नीकल से लगते हैं, लेकिन इनका सीधा असर लोगों के जीवन पर पड़ता है, जीवन स्तर पर पड़ता है। गैस बेस्ड इंडस्ट्री और पेट्रो-कनेक्टिविटी रोजगार के भी लाखों नए अवसर बनाती है।
आज जब देश के अनेकों शहरों में CNG पहुंच रही है, PNG पहुंच रही है, तो बिहार के लोगों को पूर्वी भारत के लोगों को भी ये सुविधाएं उतनी ही आसानी से मिलनी चाहिए। इसी संकल्प के साथ हम आगे बढ़े। प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना के तहत पूर्वी भारत को पूर्वी समुद्री तट के पारादीप और पश्चिमी समुद्री तट के कांडला से जोड़ने का भागीरथ प्रयास शुरु हुआ।करीब 3 हजार किमी लंबी पाइपलाइन से 7 राज्यों को जोड़ा जा रहा है जिसमें बिहार का प्रमुख स्थान है।
उज्जवला योजना की वजह से आज देश के 8 करोड़ गरीब परिवारों के पास भी गैस कनेक्शन मौजूद है। इस योजना से गरीब के जीवन में क्या परिवर्तन आया है, ये कोरोना के दौरान हम सभी ने फिर महसूस किया है। इन प्लांट्स से बिहार के बांका, भागलपुर, जमुई, अररिया, किशनगंज, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर, सिवान, गोपालगंज और सीतामढ़ी जिलों, झारखंड के गोड्डा, पाकुड़, देवघर, दुमका, साहिबगंज जिलों और यूपी के कुछ क्षेत्रों की LPG से जुड़ी जरूरतें पूरी होंगी।
एक समय था जब बिहार में LPG गैस कनेक्शन होना बड़े संपन्न लोगों की निशानी होता था। एक-एक गैस कनेक्शन के लिए लोगों को सिफारिशें लगवानी पड़ती थीं। जिसके घर गैस होती थी, वो माना जाता था कि बहुत बड़े घर-परिवार से है। लेकिन बिहार में अब ये अवधारणा बदल चुकी है। जब मैं कहता हूं कि बिहार देश की प्रतिभा का पावरहाउस है, ऊर्जा केंद्र है तो ये कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
बिहार के युवाओं की यहां की प्रतिभा का प्रभाव चारो तरफ है। भारत सरकार में भी बिहार के कितने बेटे-बेटियां हैं जो देश की सेवा कर रहे है।
बिहार की कला, यहां का संगीत, यहां का स्वादिष्ट खाना, इसकी तारीफ तो पूरे देश में होती ही है। आप किसी दूसरे राज्य में भी चले जाइए, बिहार की ताकत, बिहार के श्रम की छाप आपको हर राज्य के विकास में दिखेगी। हम बिहार के हर एक सेक्टर के विकास को आगे बढ़ा रहे हैं, हर एक सेक्टर की समस्याओं के समाधान का प्रयास कर रहे हैं, ताकि बिहार विकास की नई उड़ान भरे। उतनी ऊंची उड़ान भरे जितना ऊंचा बिहार का सामर्थ्य है।
आज बिहार में शिक्षा के बड़े-बड़े केंद्र खुल रहे हैं। अब एग्रीकल्चर कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या बढ़ रही है। अब राज्य में IIT, IIM, ट्रिपल IT, बिहार के नौजवानों के सपनों को ऊंची उड़ान देने में मदद कर रहे हैं। बिहार में बिजली की क्या स्थिति थी, ये जगजाहिर है। गांवों में 2-3 घंटे बिजली आ गई तो बहुत माना जाता था। शहरों में भी 8-10 घंटे से ज्यादा बिजली नहीं मिलती थी। आज बिहार के गांवों में, शहरों में बिजली की उपलब्धता पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा हुई है।
स्टार्टअप इंडिया, मुद्रा योजना आदि योजनाओं ने बिहार के नौजवानों को स्वरोजगार के लिए जरूरी राशि मुहैया कराई है। सरकार का प्रयास ये भी है कि जिला स्तर पर बिहार के नौजवानों को skill बढ़ाने की ट्रेनिंग दी जाए। इतनी बड़ी वैश्विक महामारी देश के प्रत्येक व्यक्ति के लिए अनेकों परेशानियां लेकर आई है।
लेकिन इन परेशानियों के बाद भी देश रुका नहीं है, बिहार रुका नहीं है, बिहार थमा नहीं है।
कोरोना संक्रमण अभी भी हमारे बीच में मौजूद है। 'जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं' दो गज की दूरी। साबुन से हाथ की नियमित सफाई। यहां-वहां थूकने से मनाही। चेहरे पर मास्क। इन जरूरी बातों का हमें खुद भी पालन करना है और दूसरों को भी याद दिलाते रहना।
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