लॉकडाउन से पहले परीक्षा देने आया था पुलिसकर्मी, अब 450 किमी पैदल चल ड्यूटी पर पहुंचा

कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए जारी देशव्यापी लॉकडाउन के बीच मध्यप्रदेश के एक पुलिस कांस्टेबल ने अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए उत्तर प्रदेश के अपने गृह जिला इटावा से मध्य प्रदेश के राजगढ़ तक करीब 450 किलोमीटर की यात्रा की। इस दौरान कभी वह पैदल चला, तो कभी लोगों से मोटर साइकिल पर लिफ्ट ली।
छुट्टी पर था, फोन किया और चल दिया
कांस्टेबल दिग्विजय शर्मा (22) ने सोमवार को बताया कि मैं इटावा में अपनी स्नातक की परीक्षा (बैचलर ऑफ आर्ट्स) देने के लिए 16 मार्च से 23 मार्च तक छुट्टी पर था जो बंद होने के कारण स्थगित हो गयी। उन्होंने आगे कहा कि मैंने अपने अधिकारी एवं पुलिस स्टेशन पचौर के प्रभारी निरीक्षक से फोन पर संपर्क किया और उनसे कहा कि मैं इस मुसीबत के समय में अपनी ड्यूटी में शामिल होना चाहता हूं। उन्होंने परिवहन सुविधा उपलब्ध न होने के कारण मुझे घर में रहने की सलाह दी । मेरे परिवार ने भी यही सलाह दी लेकिन मैं खुद को नहीं रोक सका।
25 मार्च को चला 28 को पहुंचा
दिग्विजय शर्मा ने कहा कि मैंने 25 मार्च की सुबह इटावा से पैदल ही राजगढ़ की यात्रा शुरू की। मैं इस दौरान करीब 20 घंटे तक चला जिसमें मैंने मोटर साइकिल पर सवार लोगों से लिफ्ट भी ली और 28 मार्च की रात राजगढ़ पहुंच गया। उन्होंने कहा, मैंने अपने अधिकारी के साथ जिले में अपनी एंट्री दर्ज कराई।
सामाजिक संगठनों ने भोजन कराया
दिग्विजय ने बताया कि मेरी इस यात्रा के दौरान मुझे लोगों ने सहायता भी की। सामाजिक संगठनों ने मुझे भोजन प्रदान किया। एक दिन मुझे खाने के लिए कुछ नहीं मिला लेकिन मैं नहीं रुका और चलता ही रहा। शाम को एक गांव के बाहर पहुंचने पर लोगों ने मेरे लिए भोजन पानी व आराम की व्यवस्था की और फिर सुबह में अपनी मंजिल की ओर चल पड़ा।
पैराें में आई सूजन, आराम की सलाह
एक जून, 2018 को मध्य प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए शर्मा ने कहा कि मेरे बॉस ने मुझे घर पर आराम करने के लिए कहा क्योंकि मेरे पैरों में सूजन हो गयी है। कांस्टेबल ने कहा मैं जल्द ही अपनी ड्यूटी ज्वाइन करूंगा।
एसपी ने दिया प्रशंसा पत्र, डीजीपी को लिखा पत्र
राजगढ़ जिले के पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने कहा कि कांस्टेबल दिग्विजय शर्मा को मुसीबत के समय पर काम करने की प्रतिबद्धता और समर्पण के लिए प्रशंसा पत्र दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि मैं मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर इस कांस्टेबल को प्रशंसा पत्र देने का अनुरोध भी कर रहा हूं।
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