Pravasi Bharatiya Divas 2023: ये हैं 5 प्रवासी भारतीय जिनका दुनिभर में बज रहा है डंका

Pravasi Bharatiya Divas 2023: ये हैं 5 प्रवासी भारतीय जिनका दुनिभर में बज रहा है डंका
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Pravasi Bharatiya Divas 2023: देश में 17वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस साल 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन मध्यप्रदेश के इंदौर में हो रहा है।

Pravasi Bharatiya Divas 2023: देश के विकास में भारतीय प्रवासियों (Indian Diaspora) के योगदान पर गर्व करने के लिए हर साल 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस (Pravasi Bharatiya Divas) मनाया जाता है। क्या आप जनता है इसकी शुरुआत कबा और कैसे हुई थी तो चालिए आज हम अपने अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे इसकी शुरआत कैसे हुई थी।

दरअसल इस बार 9 जनवरी को मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में प्रवासी भारतीय दिवस ( Pravasi Bharatiya Divas 2023) का आयोजन होने जा रहा है, वहीं मध्य प्रदेश सरकार के सहयोग से इंदौर में 8 से 10 जनवरी तक 17वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन भी आयोजित किया जा रहा है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि प्रवासी भारतीय दिवस सबसे पहले साल 2003 में मनाया गया था। साल 1915 में 9 जनवरी को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश लौटे थे। इसलिए 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है।

प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का निर्णय एलएम सिंघवी की अध्यक्षता में भारत सरकार द्वारा गठित भारतीय प्रवासी पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के अनुसार लिया गया था। उस समय, भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 8 जनवरी 2002 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में एक सार्वजनिक समारोह में 9 जनवरी प्रवासी भारतीय दिवस को बड़े पैमाने पर मनाने की घोषणा की थी।

वही प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रवासी भारतीय समुदाय की उपलब्धियों को दुनिया के सामने लाना है, ताकि दुनिया को उनकी ताकत का एहसास हो सके। जिसका असर भी देखने को मिल रहा है।

दुनियाभर में 27.2 करोड़ से ज्यादा प्रवासी हैं, जिनमें 1.75 करोड़ से ज्यादा भारतीय हैं। विदेशों में रहते हुए ये प्रवासी भारतीय देश की अर्थव्यवस्था ( Indian Economy) में भी योगदान दे रहे हैं। साथ ही भारत का परचम भी लहरा रहे है। ब्रिटेन से अमेरिका तक, साहित्य से लेकर विज्ञान-प्रौद्योगिकी तक और एक कंपनी का नेतृत्व करने से लेकर एक बड़ा उद्योग स्थापित कर रहे है. तो आइए आपको बताते हैं कौन हैं ये प्रवासी भारतीय जो देश का परचम लहरा रहे हैं।

ये भारतीय प्रवासी भारत की अर्थव्यवस्था में देते हैं अहम योगदान

  • स्टील किंग लक्ष्मी मित्तल दुनिया की सबसे बड़ी स्टील उत्पादक कंपनी के मालिक हैं। मित्तल एलएनएम के सीईओ और चेयरमैन हैं। उनका कारोबार पूरी दुनिया में फैला हुआ है। राजस्थान के चुरू में जन्मे मित्तल ने कोलकाता से पढ़ाई की है। उनका नाम ब्रिटेन के सबसे अमीर एशियाई में शामिल है। कई बार उनका नाम टॉप 10 अरबपतियों में शामिल हो चुका है।
  • भारतीय मूल अमेरिकी व्यवसायी सुंदर पिचाई (Pichai Sundarajan), जो Google के CEO थे. लेकिन अब वह मदर कंपनी Alphabet के भी CEO बन गए हैं। चेन्नई में जन्मे पिचाई ने IIT खड़गपुर से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है।
  • उत्तर प्रदेश के मेरठ में जन्मे, मनु प्रकाश विश्व प्रसिद्ध स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं, जो अपने सुपर कूल आविष्कारों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं, जिन्होंने फोल्डेबल माइक्रोस्कोप बनाया था जिसकी कीमत सिर्फ 30 रुपये है। आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करने के बाद उन्होंने अमेरिका से मास्टर्स और पीएचडी की। पिछले साल उन्होंने पानी से चलने वाला कंप्यूटर भी बनाया था।
  • दुनिया की जानी-मानी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला को पूरी दुनिया जानती है। हैदराबाद में जन्मे नडेला ने 1992 में माइक्रोसॉफ्ट की बागडोर संभाली। इस कंपनी को शिखर तक पहुंचाने में उनका बहुत बड़ा योगदान है। कंपनी सॉफ्टवेयर उद्योग में उनका दबदबा है।
  • देश की लो कॉस्ट एयरलाइंस इंडिगो के को-फाउंडर राकेश गंगवाल पूरी दुनिया में मशहूर हैं। कोलकाता में जन्में गंगवाल मियामी के सबसे अमीर भारतीय अमेरिकी रह चुके हैं। घरेलू बाजार में हिस्सेदारी के मामले में आज इंडिगो भारत की सबसे कम लागत वाली उड़ान सेवा प्रदाता कंपनी है।

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